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स्कूली बच्चों के ऑनलाइन टेस्ट को लेकर प्रशासन सख्त, स्कूलों को दिये ये निर्देश

पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने रविवार को सभी निजी स्कूल प्रबंधकों को सख्त निर्देश दिया कि मोबाइल नेटवर्क कमजोर रहने या किसी दूसरे कारणों से जो छात्र-छात्राएं ऑनलाइन टेस्ट या परीक्षा से वंचित रह गये हैं, उनके दोबारा टेस्ट की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं

By Prabhat Khabar News Desk | August 3, 2020 8:26 AM

पटना : प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने रविवार को सभी निजी स्कूल प्रबंधकों को सख्त निर्देश दिया कि मोबाइल नेटवर्क कमजोर रहने या किसी दूसरे कारणों से जो छात्र-छात्राएं ऑनलाइन टेस्ट या परीक्षा से वंचित रह गये हैं, उनके दोबारा टेस्ट की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं. इंटरनेट के कमजोर नेटवर्क की वजह से किसी बच्चे की पढ़ाई और परीक्षा बाधित नहीं होनी चाहिए.

स्कूल प्रबंधकों को यह भी निर्देश दिया है कि ऑनलाइन टेस्ट या परीक्षा के दौरान कनेक्टिविटी की समस्या के करण बच्चों को आ रही परेशानी पर भी नजर रखें. दरअसल निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने प्रमंडलीय आयुक्त से इंटरनेट नेटवर्क व तकनीकी कारणों से बच्चों के समय पर परीक्षा नहीं दे पाने की शिकायत की थी. ऐसे बच्चों को अब परीक्षा से वंचित किया जा रहा है. प्रमंडलीय आयुक्त ने यह निर्देश दिया है.

इस चुनौती से सबको मिल कर लड़ना है : प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए सभी विद्यालयों की ओर से बेहतर प्रयास किया जा रहा है. स्कूलों का प्रयास सराहनीय है. हम सबको इस चुनौती से मिल कर लड़ना है. स्कूली बच्चे भी ऑनलाइन क्लास के नये दौर से गुजर रहे हैं. उन्हें भी मोटिवेट करके पढ़ाना और कोरोना की चिंता से मुक्त करवाना है. उन्होंने कहा कि किसी बच्चे का परिवार कोरोना से संक्रमित है, तो उन बच्चों के लिए अलग से परीक्षा आयोजित कराएं. अगर कोरोना काल में कुछ बच्चे कमजोर हो गये हैं, तो स्कूल प्रबंधन उन बच्चों के लिए अतिरिक्त क्लास कराने की भी व्यवस्था करे.

बच्चों और अभिभावक से लें फीडबैक

ऑनलाइन क्लास से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़े, इसको लेकर लगातार बच्चों और अभिभावक से फीडबैक लेना चाहिए. ऑनलाइन क्लास के दौरान छात्र-छात्राओं को कोई समस्या आती है, तो तत्काल निष्पादन की व्यवस्था करना चाहिए. प्रमंडलीय आयुक्त ने स्कूल प्रबंधकों से कहा है कि ऑनलाइन क्लास में पढ़ाये जा रहे विषय की बातें समझ में नहीं आती हैं, तो उन बच्चों को पूछने का मौका देना चाहिए. इसको लेकर वाट‍्सएप नंबर और इ-मेल के जरिये प्रश्न भेजने की व्यवस्था की जाये.

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