पीएमसीएच में डॉक्टरों को महीने में 15 दिन ही करनी पड़ेगी ड्यूटी, नई रोस्टर प्रणाली जल्द हो सकती है लागू
पीएमसीएच में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जल्द ही डॉक्टरों के लिए रोस्टर प्रणाली लागू हो सकती है. पीएमसीएच प्रशासन इसको लेकर तैयारियां कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग की सहमति मिलने के बाद इसे लागू किया जायेगा. हालांकि, योजना के मुताबिक रोस्टर प्रणाली से सभी एचओडी, प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर रैंक के डाॅक्टरों को अलग रखा जायेगा. वे पूर्व की तरह की काम करते रहेंगे. लेकिन, असिस्टेंट प्रोफेसर और इससे नीचे के डॉक्टरों पर यह लागू हो सकता है. इसके लागू होने के बाद ये 15 दिन काम करेंगे और 15 दिन अपने घर पर आराम करेंगे.
पीएमसीएच में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जल्द ही डॉक्टरों के लिए रोस्टर प्रणाली लागू हो सकती है. पीएमसीएच प्रशासन इसको लेकर तैयारियां कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग की सहमति मिलने के बाद इसे लागू किया जायेगा. हालांकि, योजना के मुताबिक रोस्टर प्रणाली से सभी एचओडी, प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर रैंक के डाॅक्टरों को अलग रखा जायेगा. वे पूर्व की तरह की काम करते रहेंगे. लेकिन, असिस्टेंट प्रोफेसर और इससे नीचे के डॉक्टरों पर यह लागू हो सकता है. इसके लागू होने के बाद ये 15 दिन काम करेंगे और 15 दिन अपने घर पर आराम करेंगे.
देश के कई बड़े मेडिकल काॅलेजों ने रोस्टर प्रणाली को अपने यहां लागू किया
माना जा रहा है कि देश के कई बड़े मेडिकल काॅलेजों ने रोस्टर प्रणाली को अपने यहां लागू किया है. इसके पीछे मकसद है कि कम डॉक्टर कोरोना से संक्रमित हो. अगर किसी विभाग के डॉक्टरों में संक्रमण फैल भी गया हो, तो वहां की दूसरी टीम बची रहे. ताकि, मरीजों का इलाज जारी रहे.
कई डॉक्टर मिल चुके हैं कोरोना पॉजिटिव
पीएमसीएच में कोरोना डॉक्टरों के बीच भी फैला है. यहां के सीनियर और जूनियर डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाये जा चुके हैं. सबसे पहले एनिस्थिीसिया के एक जूनियर डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे. इसके बाद गायनी की छह जूनियर डॉक्टर पॉजिटिव आयी. इएनटी के एक सीनियर डॉक्टर, माइक्रोबायोलाॅजी विभाग के दो सीनियर डॉक्टर, मुख्य आकस्मिकी चिकित्सा पदाधिकारी समेत कई अन्य नर्स व कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाये जा चुके हैं.
अनुमति का इंतजार
पीएमसीएच में डाक्टरों के लिए रोस्टर प्रणाली लागू करने की योजना पर हम काम कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की अनुमति व मार्गदर्शन के बाद इसे लागू किया जा सकता है.
डॉ बीके कारक, अधीक्षक, पीएमसीएच
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya