पटना : कोरोना संक्रमण के इस दौर में कामकाज, पढ़ाई-लिखाई, रैली-बैठक से अन्य सभी रोजमर्रा की गतिविधि ऑनलाइन या डिजिटल होते जा रही है. इसे देखते हुए सरकारी महकमों ने भी अपने कामकाज को ऑनलाइन करने की कवायद तेज कर दी है. अब जल्द ही राज्य सरकार के विभागों में भी वर्क फ्रॉम होम की अवधारणा पर ही काम शुरू हो जायेगा. इसकी शुरुआत सहकारिता विभाग से हो गयी है. यहां इ-ऑफिस प्रणाली ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया है. इस लॉकडाउन में भी विभागीय कर्मी घर से सभी जरूरी काम कर रहे हैं.
अब आने वाले कुछ महीनों में करीब आधा दर्जन दूसरे विभागों या संस्थानों के भी कामकाज ऑनलाइन हो जायेंगे. इसमें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में इ-ऑफिस प्रणाली अगस्त के पहले सप्ताह से काम करना शुरू कर देगा. 15 से 20 दिनों में संसदीय कार्य विभाग के भी कामकाज ऑनलाइन हो जायेंगे. इसके बाद बिहार विधानसभा, बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम लिमिटेड, बीएसबीसीएल के अलावा कुछ अन्य छोटे विभागों में भी यह व्यवस्था दो-तीन महीने में शुरू हो जायेगी.
इस साल के अंत तक गृह, सामान्य प्रशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत अन्य अहम विभागों में भी इसे लागू करने की योजना है. इसके अलावा राज्य सरकार की योजना सभी जिलों में भी इ-ऑफिस प्रणाली को लागू करने की है. इसके तहत समस्तीपुर, पूर्णिया, बक्सर, गया जिलों में इसकी कवायद शुरू हो गयी है. इसमें कुछ जिलों के कर्मियों की ट्रेनिंग भी हो गयी है. इन जिलों में सफलतापूर्वक इसे लागू होने के बाद अन्य सभी जिलों में भी इसे लागू कर दिया जायेगा. हाल में राज्य सरकार ने सभी विभागों और जिलों को फिर से इ-ऑफिस प्रणाली को पूरी तरह से लागू करने का आदेश जारी किया है.
इ-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत 2015 में हुई थी, लेकिन इतने लंबे में इसे पूरी तरह से लागू करने में कई विभागों ने उतनी रुचि ही नहीं ली, परंतु कोरोना संक्रमण काल में इसकी जरूरत को महसूस करते हुए इसकी कवायद फिर से तेज कर दी गयी है. बड़े विभागों में फाइलों की संख्या बहुत ज्यादा एवं पुरानी है, जिन्हें डिजिटलाइज करके इ-ऑफिस सॉफ्टवेयर पर अपलोड करना बेहद मुश्किल और जटिल प्रक्रिया है. इस वजह से समय लग रहा है.