पटना : बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र के किराना गली स्थित विंध्याचल अपार्टमेंट में शुक्रवार को छापेमारी कर उठाये गये छह संदिग्धों की पहचान कर ली है. पकड़े गये सभी लोग सरकारी नौकरी दिलाने, इंजीनियरिंग व मेडिकल आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के नाम पर ठगी करने वाले सॉल्वर गैंग के सक्रिय सदस्य हैं. इसका पुलिस ने शनिवार की रात इसका भंडाफोड़ किया. पकड़े गये गैंग के छह सदस्यों में सौरभ सुमन, रमेश, उज्ज्वल उर्फ गजनी, प्रशांत कुमार व दो अन्य शामिल हैं. इसमें सौरभ भागलपुर का रहने वाला है. हालांकि मास्टरमाइंड अभी फरार है.
पुलिस ने इनके पास से कैश, अभ्यर्थियों की फर्जी फोटो लगे 100 से अधिक प्रवेशपत्र, फर्जी आधार कार्ड, लैपटाप, सीपीयू, कंप्यूटर समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किये हैं. पुलिस बुद्धा कॉलोनी थाने में एफआइआर दर्ज कर जांच कर रही है.गिरोह के सभी सदस्यों का तार बिहार के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बंगाल, मध्य प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और राजस्थान से भी जुड़े हैं. हरियाणा में ठगी के बाद हरियाणा एसटीएफ टीम को सूचना मिली थी कि विंध्याचल अपार्टमेंट में कुछ लोग बड़े स्तर पर गोरखधंधा चला रहे हैं.
सॉल्वर गैंग के सदस्यों ने शहर के बोरिंग रोड स्थित एक कॉम्प्लेक्स में अपना ऑफिस खोल रखा था. इसका संचालन रमेश व उज्ज्वल करते थे. गैंग के सदस्य का टॉरगेट बोरिंग रोड के आसपास संचालित कोचिंग संस्थानों में विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र थे. ये गैंग कई प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नपत्र आउट करवाकर, सॉल्वर बिठाकर उम्मीदवारों से मोटी रकम लेकर प्रदेश के विभिन्न सेंटर पर अपने कार्यों को अंजाम देते थे.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद मेडिकल पेपर लीक में था इनका हाथ, एक रसूखदार का बेटा भी शामिल : पता चला है कि साल 2015 में महराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए मेडिकल प्रवेश परीक्षा के पेपर ऑउट मामले में भी इनका हाथ है. इसके बाद से ही पुलिस इन्हें तलाश रही थी. गिरफ्तार छह ठगों में सौरभ सुमन एक रसूखदार का बेटा बताया जा रहा है. पटना में बिछ रहे गैस पाइप लाइन में नौकरी दिलाने के नाम पर दो दर्जन से अधिक छात्रों ने इन लोगों ने मोटी रकम वसूली है.