पटना : राज्य सरकार ने अपनी पूरी प्रशासनिक व्यवस्था में व्यापक सुधार करने का निर्णय लिया है. प्रशासन के सुदृढ़ीकरण के लिए सभी स्तर के सरकारी सेवकों के कार्यकलापों की समीक्षा की जायेगी. इसके तहत 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के वैसे सरकारी सेवक जिनकी कार्य दक्षता या आचार ऐसा नहीं है, जिससे उन्हें सेवा में बनाये रखना लोकहित में नहीं है, वैसे कर्मियों के कार्यों की समीक्षा करने के बाद उन्हें सरकार रिटायरमेंट दे सकती है.
सभी स्तर के कर्मियों के कार्यों की समीक्षा प्रत्येक वर्ष की जायेगी.केंद्र सरकार में इस तरह की व्यवस्था पहले से लागू है, लेकिन राज्य सरकार में पहली बार प्रशासनिक रिफॉर्म के लिए इस तरह की व्यवस्था लागू की जा रही है. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है, जो सभी विभागों में तैनात कर्मियों पर लागू होगा. संविदा या कांट्रैक्ट पर बहाल कर्मियों पर यह नियम लागू नहीं होगा.
चार श्रेणियों में कर्मियों का होगा विभाजन : सभी श्रेणियों ‘क’, ‘ख’, ‘ग’ और अवर्गीकृत सरकारी सेवकों के कार्यकलापों की समीक्षा करने के लिए प्रत्येक विभाग में समीक्षा के तीन समूहों में समिति का गठन किया जायेगा. इसके तहत विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रधान सचिव या सचिव की अध्यक्षता में समूह ‘क’ के कर्मियों की समीक्षा की जायेगी. इसी तरह समूह ‘ख’ की अध्यक्षता अपर सचिव या संयुक्त सचिव तथा समूह ‘ग’ और अवर्गीकृत समूह की अध्यक्षता संयुक्त सचिव रैंक के अधिकारी करेंगे. यदि किसी संबंधित कर्मी का नियुक्ति प्राधिकार संयुक्त सचिव से न्यूनतम स्तर के अधिकारी हों, तो निदेशक या उपसचिव या संबंधित नियुक्ति प्राधिकार समिति के अध्यक्ष होंगे.
राज्यस्तरीय नन गैड्जेट को छोड़कर शेष अराजपत्रित कर्मियों के मामले में विभागाध्यक्ष या संगठन के प्रमुख के स्तर से समिति की संरचना की जायेगी. इस नये प्रावधान के तहत प्रत्येक कर्मी के कार्यों की समीक्षा होगी. जिन कर्मचारियों का उम्र किसी वर्ष जुलाई से दिसंबर महीने में 50 वर्ष से ज्यादा होने वाला हो, उनके मामलों की समीक्षा समिति के स्तर से उसी वर्ष जून महीने में की जायेगी. वहीं, जिन कर्मियों का उम्र किसी वर्ष जनवरी से जून महीने में 50 वर्ष से ज्यादा होने वाली हो, उनके मामलों की समीक्षा पिछले वर्ष के दिसंबर महीने में की जायेगी.