पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ और विस्तार किया जा रहा है. सभी मेडिकल कॉलेजों में बेडों की संख्या बढ़ायी जा रही है. शनिवार को मुजफ्फरपुर के एसके एमसीएच में देश का पहला और सौ बेड का पेडियाट्रिक आइसीयू को आम जनता के लिए समर्पित करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि टीकाकरण में बिहार देश के पांच सबसे अच्छे राज्यों में शुमार होगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की मौजूदगी में एसकेएमसीएच की कई योजनाओं का शुभारंभ किया और 515 करोड़ की लागत से मधुबनी जिले के झंझारपुर में सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के भवन निर्माण कार्य की शिलान्यास किया. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उन्होंने 88.38 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया.
शिलान्यास कार्यक्रम में 27.10 करोड़ रुपये के एसके एमसीएच भवन के विस्तार की भी योजनाएं शामिल हैं. सीएम ने इसके साथ ही इस परिसर में 2.96 करोड़ रुपये के 60 बेड के इंसेफ्लाइटिस वार्ड, 13.42 करोड़ रुपये के सदर अस्पताल मुजफ्फरपुर में सौ बेड के मातृ शिशु अस्पताल भवन का लोकार्पण किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि एइएस से विशेष प्रभावित मुजफ्फरपुर के पांच प्रखंडों में पिछले वर्ष सोशियो इकोनोमिक सर्वे कराया गया, जिसके आधार पर वहां के जरूरतमंद परिवारों को कई योजनाओं का लाभ दिये गये. बच्चों को स्कूल भेजा गया, राशन कार्ड बनाये गये, आवास का इंतजाम किया गया. आंगनबाड़ी केंद्र खोले गये एवं अन्य जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जा रही है. उन्होंने कहा कि 2006 के फरवरी में सर्वेक्षण से पता चला कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक महीने में 39 लोग इलाज के लिये जाते थे. अब औसतन एक महीने में 10 हजार मरीज इलाज के लिये पहुंच रहे हैं.
सीएम नीतीश ने कहा कि पीएमसीएच को दुनिया का सबसे अधिक 5,400 बेड वाला अस्पताल बनाया जा रहा है. पटना के आइजीआइएमएस पटना को 2500 बेड, मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच को भी 2500 बेड का विस्तार किया जा रहा है. इसके साथ ही एनएमसीएच, गया के एएनएमएमसीएच और दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का भी विस्तार किया जा रहा है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अनुमंडल अस्पतालों के अलावा अन्य मेडिकल अस्पतालों को भी बेहतर अस्पताल के तौर पर विकसित किया जा रहा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 36 जिलों के 21 जिला अस्पतालों का 2022 तक विस्तार कर लिया जायेगा. एडिशनल पीएचसी को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों क्षेत्रें में अस्पताल निर्माण के लिए जो लोग भी जमीन दान देंगे, उनके नाम पर अस्पताल का नामकरण किया जायेगा.
सीएम ने कहा कि जेइ का टीकाकरण 26 जिलों में पूर्ण हो चुका है. बाकी के 12 जिलों में टीकाकरण के लिए दवा की उपलब्धता के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि 2006 में बिहार में टीकाकरण 18 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया है. उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के बेहतर संचालन के कारण बिहार में पोलियो से मुक्ति मिली है, हमारा लक्ष्य कालाजार से मुक्ति का है और इसके लिए काम किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए काेरेंटिन सेंटर में बेहतर व्यवस्था की गयी है. बाहर फंसे लोगों को काफी राहत दी गयी. 20 लाख 40 हजार से अधिक लोगों के खाते में हजार रुपये की राशि जमा करायी गयी. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि सभी स्वस्थ रहें, किसी को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो. हमारा कर्तव्य है लोगों को जागृत करना. कोरोना वायरस के प्रति भी जन-जागृति अभियान चलाया जा रहा है. इसमें सभी की भागीदारी हो. सभी लोग मास्क का प्रयोग करें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. हमारी दिलचस्पी काम में है, लोगों की सेवा करना हमारा धर्म है, हम उसका पालन करते हैं. शिलान्यास एवं लोकार्पण के पहले मुख्यमंत्री ने सौ बेड के शिशु गहन चिकित्सा इकाई भवन के सांकेतिक मॉडल का भी अवलोकन किया.
कार्यक्रम में पीएचइडी मंत्री विनोद नारायण झा, सिंचाई मंत्री संजय झा, आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत, सीएम के सचिव मनीष कुमार वर्मा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार, सीएम के ओएसडी गोपाल सिंह, बीएमएसआइसीएल के एमडी संजय कुमार सिंह उपस्थित थे. जबकि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा, मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद व अन्य विधायकगण, जुड़े थे.