पटना : देश के उद्यमी-व्यावसायियों की प्रतिष्ठित संस्था एसोचैम की ओर से आयोजित अखिल भारतीय वेबिनार ‘प्रवासी मजदूर: अवसर एवं चुनौतियां’ को केंद्रीय श्रममंत्री संतोष गंगवार की उपस्थिति में संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत बिहार में 3,540.56 करोड़ खर्च कर 2 करोड़ 47 हजार मानव कार्य दिवस का सृजन किया गया है. श्रमिकों को स्वयं सहायता समूह और लोक उपक्रमों के जरिए भी रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने अन्तरराज्यीय प्रवासी श्रमिक अधिनियम को रद्द कर नया कानून बनाने का सुझाव दिया.
सुशील मोदी ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक जिले में ‘डिस्ट्रिक्ट इनोवेशन स्कीम’ के तहत 50-50 लाख रुपये दिये गये है. प्रत्येक जिले में मजदूरों के स्वयं सहायता समूहों के 7-7 कलस्टर को टेलरिंग, वुड फर्नीचर, रेडीमेड गारमेंट, पेवर ब्लाॅक, बम्बू क्राफ्ट,चमड़े के जूते-चप्पल निर्माण, मखाना, मक्का आदि कार्यों से जोड़ कर उन्हें आधारभूत संरचना व अन्य कार्यों के लिए 10-10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता जिले की ओर से दी जा रही है. अब तक 266 कलस्टरों के माध्यम से 10,503 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है.
प्रवासी मजूदरों के घर की महिलाओं को बड़ी संख्या में जीविका समूह से जोड़ा गया है. बिहार सरकार के लोक उपक्रमों को प्रवासी मजदूरों का कलस्टर बना कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया हैं. प्रवासी श्रमिकों से संबंधित 40 साल पुराने कानून को रद्द कर उसके स्थान पर नया कानून बनाने, प्रवासी श्रमिकों को नये सिरे से परिभाषित करने, हरेक मजदूर को यूनिक आईडी, ईपीएफ और ईएसआईएस की सुविधा तथा वन नेशन, वन राशन कार्ड की तर्ज पर सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के साथ राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर उनका डाटा बेस तैयार करने की जरूरत है.
Upload By Samir Kumar