पटना : बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि भारत सरकार द्वारा कृषि के समग्र विकास हेतु अगले 4 वर्षों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का कृषि आधारभूत संरचना विकास निधि के लिए राशि आवंटित की गयी है. इस योजना के अंतर्गत पहले साल में एक लाख करोड़ रुपये राज्यों के लिए उपलब्ध होगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि फसल कटाई के उपरांत कृषि उत्पाद के प्रसंस्करण और मूल्य संवर्द्धन की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्र में उपलब्ध नहीं होने के कारण कुल उत्पादन का 15 से 20 प्रतिशत का नुकसान हो जाता है. इसी के मद्देनजर कृषि क्षेत्र में काम करने वाले कृषि उद्यमियों के लिए भारत सरकार ने 7 वर्षों के लिए 2 करोड़ रुपये का क्रेडिट गारंटी उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है, जिसमें बैंकों से ब्याज की दर फिक्स कर दिया जायेगा. उद्यमियों को लगभग 5 से 5.25 प्रतिशत तक ब्याज देना होगा.
डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाऊस, वातानुकूलित भैन, ग्रेडिंग एवं पैकेजिंग की सुविधा, ई ट्रेडिंग प्लेटफार्म आदि ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध हो सकेगा. इसके साथ ही, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उपादानों की व्यवस्था, स्मार्ट एवं प्री-सिजन खेती के लिए वेदर स्टेशन, उत्पादों की बिक्री के लिए विपणन की व्यवस्था आदि योजनाएं क्रियान्वित की जा सकेगी. साथ ही, कृषि उद्यमियों को इस योजना के साथ-साथ भारत सरकार के विभिन्न भागों में इस तरह के परियोजना के लिए निहित प्रावधानों का लाभ भी मिल सकेगा.
कृषि मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा संचालित कैपिटल सब्सिडी योजनाओं का भी लाभ उद्यमी उठा सकेंगे. भारत सरकार की इस निधि से चालू योजनाओं को समाहित करने में सहायता मिलेगी. भारत सरकार ने राज्य सरकारों को पहले आओ, पहले पाओ की नीति के तहत इस योजना का लाभ लेने हेतु प्रस्ताव दिया है.
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