आईआईटी पटना को पूर्वी भारत के स्टार्टअप्स हब के रूप में विकसित करने में मदद करेगी सरकार : सुशील मोदी

पटना : आईआईटी पटना (बिहटा) परिसर में 47 करोड़ की लागत से 30 हजार स्क्वायर फुट में निर्मित इन्क्यूबेशन सेंटर के भवन का वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इसे पूर्वी भारत के स्टार्टअप्स के लिए इन्क्यूबेशन हब के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी. उन्होंने स्टार्टअप्स से अपील की कि प्राकृतिक आपदा मसलन बाढ़, सूखा, आकाशीय बिजली (ठनका), कृषि व कोरोना, टीबी, कालाजार जैसी बीमारियां जिससे बिहार सर्वाधिक प्रभावित है, से मुकाबले के लिए अन्वेषण कर नये-नये एप्स, साॅफ्टवेयर और इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों को विकसित करें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2020 7:02 PM

पटना : आईआईटी पटना (बिहटा) परिसर में 47 करोड़ की लागत से 30 हजार स्क्वायर फुट में निर्मित इन्क्यूबेशन सेंटर के भवन का वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इसे पूर्वी भारत के स्टार्टअप्स के लिए इन्क्यूबेशन हब के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी. उन्होंने स्टार्टअप्स से अपील की कि प्राकृतिक आपदा मसलन बाढ़, सूखा, आकाशीय बिजली (ठनका), कृषि व कोरोना, टीबी, कालाजार जैसी बीमारियां जिससे बिहार सर्वाधिक प्रभावित है, से मुकाबले के लिए अन्वेषण कर नये-नये एप्स, साॅफ्टवेयर और इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों को विकसित करें.

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि इन्क्यूबेशन सेंटर के ‘मेडिकल इलेक्ट्राॅनिक्स सिस्टम डिजायन एंड मैन्युफैक्चिरिंग’ से जुड़े 40 से ज्यादा स्टार्टअप्स (कंपनियों) जिनमें 20 के संस्थापक बिहारी है, को तकनीकी सहायता और प्रत्येक को 10-10 लाख की सीड फंडिंग राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध करायी जा रही है. इस सेंटर को अब तक राज्य सरकार की ओर से 25 करोड़ और केन्द्र की ओर से 22 करोड़ यानी कुल 47 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं. नवनिर्मित भवन में 100 से ज्यादा स्टार्टअप्स को स्थान उपलब्ध कराया जा सकता है.

अब तक छह स्टार्टअप्स की ओर से अपने 7 उत्पादों को वाणिज्यिक उपयोग के लिए बाजार में उतारा जा चुका है जिनमें स्कूली शिक्षा के लिए रोबोटिक्स, टेलीमेडिसिन प्लेटफाॅर्म, वर्चुअल क्लास रूम व कृत्रिम हाथ-पांव आदि प्रमुख हैं. सेंटर के जरिए 5 हजार से ज्यादा नौजवानों को जागरूकता व स्पर्धा कार्यक्रम,उद्यमिता प्रशिक्षण व अन्य अल्पकालीन कार्यक्रमों से जोड़ा जा चुका है.

Upload By Samir Kumar

Next Article

Exit mobile version