पीएम मोदी ने बिहार के गांव से लॉन्च किया ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’, सीएम नीतीश ने दिया धन्यवाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहार ग्राम पंचायत से गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान का बिहार के खगड़िया जिला से शुभारंभ करने के लिए मैं प्रधानमंत्री जी को हृदय से धन्यवाद देता हूं.
पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहार ग्राम पंचायत से गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान का बिहार के खगड़िया जिला से शुभारंभ करने के लिए मैं प्रधानमंत्री जी को हृदय से धन्यवाद देता हूं.
सीएम नीतीश ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण प्रधानमंत्री जी के द्वारा पूरे देश में 25 मार्च से 31 मई तक चार चरणों में लॉकडाउन लागू किया गया. लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में काम करने वाले बिहार के श्रमिकों को काफी कष्ट हुआ हमलोगों ने लॉकडाउन के दौरान देश के अन्य हिस्सों में फंसे बिहार के 21 लाख से अधिक लोगों को राहत देने के लिए उनके खाते में 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से राशि अंतरित की.
बाद में केंद्र सरकार द्वारा प्रावधानों में बदलाव किया गया एवं दूसरे जगहों पर फंसे लोगों को अपने राज्य में वापस जाने के लिये श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गयी. केंद्र सरकार द्वारा चलायी गयी 15,000 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 20 लाख से ज्यादा लोग बिहार वापस आए. इसके अलावा सड़क मार्ग से भी कई लोग वापस आए हैं बाहर से आये लोगों को कोरेंटिन सेंटरों में सभी जरुरी सुविधाओं के साथ रखा गया. साथ ही कुछ लोगों को होम क्वारंटाइन में निगरानी के साथ रखने का प्रावधान भी किया गया क्वारंटाइन सेंटरों पर चिकित्सकीय सुविधाओं के साथ-साथ अन्य जरुरी सुविधाओं का भी ख्याल रखा गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आए कोरेंटिन सेंटर में रह रहे लोगों से मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विस्तृत बातचीत की. बातचीत के क्रम में उनलोगों ने बताया कि बाहर में उन्हें काफी कष्ट हुआ है और अब वे बिहार के बाहर नहीं जाना चाहते हैं और यहीं काम करना चाहते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों की कोशिश है कि मजबूरी में किसी को भी बिहार के बाहर नहीं जाना पड़े, लोगों को यहीं रोजगार मिले.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ सभी मुख्यमंत्रियों का 6 बार संवाद हुआ है, जिसमें मैंने भी कई सुझाव दिए हैं. केंद्र सरकार द्वारा लोगों को राहत देने के लिए कई योजनाएं शुरु की गयी है. आज गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत 6 राज्य के 116 जिले में इसकी शुरुआत की गयी है, इसमें बिहार के 38 जिलों में से 32 जिले शामिल हैं इस योजना के अंतर्गत उन जिलों को शामिल किया गया है, जहां बाहर से 25 हजार या उससे अधिक लोग वापस आए हैं. इस योजना के अंतर्गत 25 कार्य क्षेत्रों को शामिल किया गया है और इसकी कार्यावधि अभी 125 दिनों की है. केंद्र सरकार इस पर 50 हजार करोड रुपये खर्च कर रही है. केंद्र सरकार इस अभियान के तहत एक पंचायत में 3 करोड़ 43 लाख रुपये व्यय कर रही है.
सीएम नीतीश ने कहा कि राज्य सरकार भी अपनी तरफ से तेलिहार पंचायत में 2 करोड़ 30 लाख रुपये की योजना की शुरूआत कर रही है, जिसका शुभारंभ आज ही प्रधानमंत्री के द्वारा किया जायेगा. उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान काफी प्रशंसनीय है. लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है. मनरेगा, सड़क निर्माण कार्य एवं अन्य विकास कार्यों के साथ-साथ निश्चय की योजनाओं, जल-जीवन हरियाली अभियान की योजनाओं के तहत राज्य के श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए शुरू की गयी जल-जीवन-हरियाली अभियान पर 3 वर्ष में 24,000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा रही है. जल है, हरियाली है, तभी जीवन सुरक्षित है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक 9.50 लाख जीविका का गठन किया गया और इससे 1 करोड़ से अधिक परिवार जुड़े हुए हैं. बाहर से आए 41 हजार परिवारों को भी जीविका से जोड़ा गया है. हमारा लक्ष्य 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में हमने यह सुझाव दिया है कि एनुअल क्रेडिट प्लान को बढ़ायें. राज्य का क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो मात्र 43 प्रतिशत है इसे भी बढ़ाने की जरुरत है. राज्य के बैंकों में यहां के लोगों का अधिक पैसा जमा होता है जिसे बैंक दूसरे राज्यों में निवेश करती है. उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग की कमी है. इसे बढ़ावा देने के लिए विशेष सहायता के रूप में जीएसटी और आयकर में केंद्र सरकार द्वारा छूट दी जाए. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए आवंटित 25 हजार करोड़ की राशि को और बढ़ाई जाए ताकि बिहार राज्यों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा मिल सके. इससे यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा काम मिलेगा.
उन्होंने कहा कि संकट के समय में हमलोगों ने सभी का अच्छी तरह से ख्याल रखा है और आगे भी रखेंगे ताकि उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीबों, वंचितों के लिए यह योजना चलायी है, इसके लिए मैं प्रधानमंत्री जी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.