नरेन्द्र मोदी और गुजरात से नफरत करने वाला पटना का सुल्तान अलीमुद्दीन जब पीएम से मिला तो बदल गयी उसकी धारणा : सुशील मोदी
पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पेट्रोलियम इंजीनियर पटना निवासी सुल्तान अलीमुद्दीन लिखित पुस्तक ‘ऑन प्वाइंट: नरेन्द्र मोदी’ का अपने सरकारी आवास पर लोकार्पण करते हुए कहा कि कभी गुजरात और नरेन्द्र मोदी से नफरत करने वाला एक 20 वर्षीय मुस्लिम युवक अपने अनेक सवालों के साथ जब नरेन्द्र मोदी से मिला तो उसकी धारणा ही बदल गयी. व्यक्तिगत सवालों के जरिए लेखक ने नरेन्द्र मोदी के पूरे व्यक्तित्व की पड़ताल की है जो असंख्य युवकों के लिए प्रेरणास्पद है.
पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पेट्रोलियम इंजीनियर पटना निवासी सुल्तान अलीमुद्दीन लिखित पुस्तक ‘ऑन प्वाइंट: नरेन्द्र मोदी’ का अपने सरकारी आवास पर लोकार्पण करते हुए कहा कि कभी गुजरात और नरेन्द्र मोदी से नफरत करने वाला एक 20 वर्षीय मुस्लिम युवक अपने अनेक सवालों के साथ जब नरेन्द्र मोदी से मिला तो उसकी धारणा ही बदल गयी. व्यक्तिगत सवालों के जरिए लेखक ने नरेन्द्र मोदी के पूरे व्यक्तित्व की पड़ताल की है जो असंख्य युवकों के लिए प्रेरणास्पद है.
सुशील मोदी ने कहा कि जब लेखक ने नरेन्द्र मोदी से पूछा कि आपने मुसलमानों के लिए क्या किया? तो मोदी ने बेवाकी से कहा कि न मैंने मुसलमानों के लिए कुछ किया और न ही हिन्दुओं के लिए कुछ किया, अगर कुछ किया तो वह साढ़े पांच करोड़ गुजरातियों के लिए किया. नर्मदा का पानी साबरमति तक पहुंचाया तो यह नहीं देखा कि इसमें से कितना पानी किस मत, सम्प्रदाय या धर्मावलम्बी को मिलेगा?
सुल्तान को नरेन्द्र मोदी ने बताया कि अहमदाबाद के महबूब देसाई ने उन्हें लिखे पत्र में ‘मौलाना नरेन्द्र मोदी’ के संबोधन के साथ कहा कि उनके कारण अहमादाबाद में अपराध और व्यसन के धंधे पूरी तरह से खत्म हो गये हैं. लेखक को नरेन्द्र मोदी ने बताया कि 2002 के दंगे ‘एक गुजरात’ की उनकी अवधारणा पर काला धब्बा था मगर उसके बाद गुजरात में हिन्दू-मुस्लिम के बीच कोई फसाद नहीं हुआ. सुशील मोदी ने लेखक को बताया कि वह अपने भाषणों में मोहम्मद साहब की उक्तियों का उल्लेख करते हैं, मगर मीडिया कभी उसे प्रचारित नहीं करता है.
साक्षात्कार के आधार पर सुल्तान ने लिखा है कि स्वामी विकेकानंद, महात्मा गांधी और पं. दीनदयाल उपाध्याय नरेन्द्र मोदी के रौल माॅडल हैं और उन्हीं से वे प्रेरणा ग्रहण करते हैं. वर्ष के दोनों नवरात्रों में श्री मोदी केवल गर्म पानी पी कर तथा चतुर्मास के चार महीने केवल एक समय का भोजन करके रहते हैं और इससे उनके दैनिक कार्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
इस मौके पर लेखक सुल्तान अलीमुद्दीन ने कहा कि कैसे एक ट्विटर संदेश के जरिए उसे इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान 2010 में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से पहली बार मिलने का मौका मिला और उसके बाद हुई छह मुलाकातों में उसकी पूरी धारणा ही बदल गयी. अंत में दीधा विधायक संजीव चैरसिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
Upload By Samir Kumar