पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि जिन लोगों ने सत्ता मिलने पर भ्रष्टाचार को राजनीति का न्यू नार्मल बनाया, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कालाधन बाहर लाने के लिए एसआईटी गठित नहीं की और कुर्ते की जेब फाड़कर नोटबंदी का विरोध किया, वही लोग आज किसानों को सबसे अच्छे दाम पर पैदावार का सौदा करने की आजादी देने वाले कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी और राजद बिचौलियों-दलालों की कमाई पर पड़ने वाली मार से बौखला गये हैं.
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि कृषि विधेयक न मंडी व्यवस्था को खत्म करता है, न इससे एमएसपी बंद होगी, लेकिन किसानों को गुमराह करने के लिए झूठ फैलाया गया. इसी तरह झूठ के सहारे नागरिकता कानून के विरुद्ध देश में हिंसा भड़कायी गयी थी. गैरजिम्मेदार विपक्षी दलों ने उच्च सदन में उपसभापति के आसन पर हमला कर साबित किया कि लोकतंत्र में इनकी आस्था नहीं. बिहार में लोकतंत्र बचाओ यात्रा की नौटंकी करने वालों ने राज्यसभा की घटना पर चुप्पी क्यों साध ली?
सुशील मोदी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने रबी फसलों में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एकएसपी) देने के लिए 1 लाख 13 हजार करोड़ रुपये खर्च किये. समर्थन मूल्य की राशि पिछले साल की तुलना में 30 फीसदी तक ज्यादा थी. प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया है कि हर सीजन में समर्थन मूल्य पर किसानों से सरकारी खरीद के लिए अभियान पहले की तरह चलेगा. विपक्ष के पास जनहित की सोच नहीं इसलिए वह सीएए, रिजर्वेशन और कृषि बिल जैसे हर मुद्दे पर केवल झूठ के खेत में हल चलाता रहता है.
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