By पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है कि चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद जब झारखंड सरकार की मेहरबानी से कैदी के बजाय अघोषित राजकीय अतिथि बने हुए हैं, तब उन्हें रूई-सूई जैसी फूहड़, हास्यास्पद और तथ्यहीन तुकबंदी करने के बजाय राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से प्रेरणा लेनी चाहिए.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि जब 53 साल के मैट्रिक पास मंत्री लोकनिंदा का आदर करते हुए आगे की पढाई करने के लिए बेरमो के इंटर कॉलेज में दाखिला ले सकते हैं, तब लालू प्रसाद के दोनों युवा पुत्रों को फिर से स्कूल-कॉलेज में दाखिला क्यों नहीं लेना चाहिए? शिक्षा मंत्री महतो को बधाई कि उन्होंने अपने आचरण से बड़ी शिक्षा दी और लोकतंत्र में लोकलाज को प्रतिष्ठित किया.
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में साथ ही कहा कि बिहार सरकार की तत्परता से प्रतिदिन कोरोना जांच का दायरा बढ़ कर 83 हजार से ज्यादा हो गया है. एक दिन में 2900 से ज्यादा मरीज कोरोना को हराने में सफल हो रहे हैं. लॉकडाउन के नियमों के पालन में सख्ती और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक जांच की सुविधा बढ़ने से संक्रमण की कड़ी टूटने लगी है. नये मामले मिलने की दर 24 फीसद घटी.
बिहार के डिप्टी सीएम ने कहा कि अब सब्जी वाले, रिक्शा-ठेला- टेम्पू चलाने वालों की भी कोरोना जांच करायी जाएगी. यदि राजद को नकारात्मक आंकड़ों में ही रुचि है और वह बिहार को बदनाम ही करना चाहता तो उसे लालू-राबड़ी काल के स्वास्थ्य सहित हर विभाग की परमार्मेंस पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. जिनके शासन में रोजाना सिर्फ 39 लोग अस्पताल आते थे, वे किस मुंह से सवाल उठा रहे हैं?
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