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राजद में कलह पर बोले सुशील मोदी, अब राबड़ी देवी को सदन में विरोधी दल के नेता पद से धोना पड़ेगा हाथ

बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर बड़ा हमला बोला है. सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में कहा है कि लालू प्रसाद की पार्टी ने कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थितियों में भी जिस निर्लज्जता के साथ सरकार के राहत कार्यों की सिर्फ आलोचना की, उस अंधी नकारात्मकता का फल है कि पार्टी के पांच विधान परिषद सदस्यों ने राजद से नाता तोड़ लिया. अब राबड़ी देवी को सदन में विरोधी दल के नेता पद से हाथ धोना पड़ेगा. सुशील मोदी ने कहा कि उन्हें गरीबों-मजदूरों की पीड़ा पर राजनीति करने और विकास में अडंगेबाजी करने की सजा मिलना तय है.

By Samir Kumar | June 23, 2020 7:16 PM

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर बड़ा हमला बोला है. सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में कहा है कि लालू प्रसाद की पार्टी ने कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थितियों में भी जिस निर्लज्जता के साथ सरकार के राहत कार्यों की सिर्फ आलोचना की, उस अंधी नकारात्मकता का फल है कि पार्टी के पांच विधान परिषद सदस्यों ने राजद से नाता तोड़ लिया. अब राबड़ी देवी को सदन में विरोधी दल के नेता पद से हाथ धोना पड़ेगा. सुशील मोदी ने कहा कि उन्हें गरीबों-मजदूरों की पीड़ा पर राजनीति करने और विकास में अडंगेबाजी करने की सजा मिलना तय है.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राजद पर हमला तेज करते हुए आगे कहा कि पार्टी मुखिया और चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद ने अपने अच्छे-बुरे हर दौर के साथी रघुवंश प्रसाद सिंह की सलाह न मान कर ऊंची जातियों को 10 फीसद आरक्षण देने के एनडीए सरकार के फैसले का विरोध जारी रखा और पुत्र मोह में उनकी लगातार उपेक्षा भी करते रहे. कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद से पटना स्थित एम्स में अपने बिस्तर से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से रघुवंश प्रसाद सिंह का इस्तीफा भेजना जाहिर करता है कि राजद को परिवारवाद किस हद तक निगल चुका है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने राजद पर हमला जारी रखते हुए साथ ही कहा कि लोकसभा चुनाव में जीरो पर आउट होने वाली पार्टी से एक साथ पांच माननीय सदस्यों का मोहभंग और वरिष्ठ पदाधिकारी का इस्तीफा देना तेजस्वी यादव के नेतृत्व को दूसरा बड़ा झटका है.

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