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राजद-कांग्रेस के 15 साल में बिहार में एक भी सिंचाई योजना पर काम नहीं : सुशील मोदी

पटना : सिंचाई व बाढ़ प्रक्षेत्र की योजनाओं के उद्घाटन, लोकार्पण व शिलान्यास के लिए वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजद-कांग्रेस के 15 वर्षों में एक भी सिंचाई योजना शुरू नहीं की गयी. आजादी के 25 वर्षों में गंडक, कोसी आदि की जिन योजनाओं का प्रारंभ किया गया था, अगले 40 साल में भी उन्हें पूरा नहीं किया गया. ऐसी आधी-अधूरी और वर्षों से लटकी पड़ी अनेक योजनाओं को पूरा करने का काम एनडीए की सरकार कर रही है. उन्होंने बिहार की कोसी-मेची नदी योजना को केन्द्र से राष्ट्रीय योजना घोषित करने की मांग की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2020 6:32 PM

पटना : सिंचाई व बाढ़ प्रक्षेत्र की योजनाओं के उद्घाटन, लोकार्पण व शिलान्यास के लिए वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजद-कांग्रेस के 15 वर्षों में एक भी सिंचाई योजना शुरू नहीं की गयी. आजादी के 25 वर्षों में गंडक, कोसी आदि की जिन योजनाओं का प्रारंभ किया गया था, अगले 40 साल में भी उन्हें पूरा नहीं किया गया. ऐसी आधी-अधूरी और वर्षों से लटकी पड़ी अनेक योजनाओं को पूरा करने का काम एनडीए की सरकार कर रही है. उन्होंने बिहार की कोसी-मेची नदी योजना को केन्द्र से राष्ट्रीय योजना घोषित करने की मांग की.

सुशील मोदी ने कहा कि उपप्रधानमंत्री जगजीवन राम ने 1976 में दुर्गावती जलाशय योजना का शिलान्यास किया था, 35 वर्षों के बाद एनडीए की सरकार ने 1064.28 करोड़ की लागत से पुनः कार्यारंभ किया. जिसका 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है, शेष कार्य मार्च, 2021 में पूरा हो जाएगा. इससे रोहतास, कैमूर के 32,467 हे. में सिंचाई की सुविधा मिलेगी. इसी प्रकार 1971 में प्रारंभ पश्चिमी कोसी नहर का काम भी पूर्ववर्ती सरकारों ने पूरा नहीं करा पायी. 1990 में कदवन डैम का शिलान्यास किया गया, मगर कार्यारंभ नहीं हुआ.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 के पहले के 15 वर्षों में सिंचाई योजनाओं पर कुल खर्च 3,415 (स्थापना मद में 3700 करोड़ और योजना मद में मात्र 300 करोड़) करोड़ था, जबकि 2005-06 से 2019-20 के दौरान 7 गुना वृद्धि के साथ यह 22,055.58 करोड़ हो गया है. 1990 से 2005 तक 2720 करोड़ खर्च कर मात्र 86 किमी जबकि 2005 से 2020 के बीच 19,110 करोड़ व्यय कर 250 किमी तटबंध बनाए गए है. 2005 के पहले के 15 वर्षों में मात्र 2.65 लाख हे. में जबकि 2005 से लेकर अबतक 4.06 लाख हे. में सिंचाई क्षमता का सृजन हुआ है.

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