:: पिछले करीब एक दशक में औद्योगिक आवेदनों को औद्योगिक परमिट देने में बिहार देश में सात वें स्थान पर
:: मिनिस्ट्री ऑफ इन्वायरमेंटल एंड क्लाइमेट चेंज के तहत संचालित ऑन लाइन कॉसेंट मैनेजमेंट एंड मॉनीटरिंग सिस्टम की तरफ से हाल ही में ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किये
राजदेव पांडेय ,पटना
बिहार के औद्योगिकीकरण ने रफ्तार पकड़ी है. इसके मजबूत संकेत वर्ष 2015-2023 के बीच जारी हो रहे औद्योगिक परमिट आंकड़ों से मिल रहे हैं. इसी समयावधि के दौरान बिहार में 42301 इकाइयों को औद्योगिक परमिट दिये गये हैं. इस लिहाज से पूरे देश में बिहार सात वें स्थान पर है. जहां तक पूर्वी भारत का सवाल है, इसके दायरे में आने वाले राज्यों में औद्योगिक परमिट देने में बिहार सबसे आगे है.
इस आशय के ये आंकड़े मिनिस्ट्री ऑफ इन्वायरमेंटल एंड क्लाइमेट चेंज के तहत संचालित ऑन लाइन कॉसेंट मैनेजमेंट एंड मॉनीटरिंग सिस्टम की तरफ से हाल ही में ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किये हैं. इसमें 17 कैटेगरी अर्थात आत्याधिक प्रदूषणकारी उद्योग लगाने के प्रस्ताव शामिल नहीं हैं. अनौपचारिक तौर पर यह परमिट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड देता है.
फैक्ट फाइल
– पूर्वी भारत बिहार के अलावा झारखंड 35950, ओडिशा में 37823 और पश्चिम बंगाल में 36085 यूनिट को औद्योगिक आवेदनों को औद्योगिक परमिट दिये गये हैं. -पूरे देश में उत्तर प्रदेश, तामिलनाडु, पंजाब,केरल, दिल्ली , हरियाणा के बाद बिहार में मंजूर हुए आवेदन– बिहार के टॉप टेन जिले,जहां सबसे अधिक आवेदनों को पर्यावरण मंजूरी मिली-
जिला- प्रस्तावों को मिली मंजूरी
पटना- 5345
गया- 2553
मुजफ्फरपुर- 2552
रोहतास- 1734
वैशाली- 1637
भोजपुर- 1524
समस्तीपुर-1451
पूर्वी चंपारण- 1448
सारण – 1319
नालंदा- 1301
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है