Bihar Legislature: पटना. विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह मंगलवार को निर्विरोध सभापति चुन लिये गये. सदन में उनके निर्विरोध सभापति चुन लिये जाने की घोषणा की गयी. घोषणा के बाद राबड़ी देवी और सीएम नीतीश ने हाथ पकड़ अवधेश नारायण सिंह को आसान पर बैठाया. सोमवार को उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं अन्य वरिष्ठ सदस्यों के साथ सभापति पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया. सभापति पद के लिए मंगलवार को उन्हें निर्विरोध चुन लिया गया.
एक ही उम्मीदवार ने भरा था पर्चा
सोमवार को एक ही नामांकन होने की स्थिति में अवधेश नारायण सिंह के निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना पहले से थी. अवधेश नारायण सिंह के समर्थन में 23 सेट में नामांकन का पर्चा दाखिल हुआ. उन्होंने विधान परिषद के सचिव अखिलेश कुमार झा को अपना नामांकन पत्र सौंपा था. सभापति के तौर पर सत्ताधारी दल के साथ ही विपक्षी दलों ने भी अवधेश नारायण सिंह का समर्थन किया है. इतना ही नेता विरोधी दल राबड़ी देवी खुद प्रस्तावक भी बनी थी. उसके बाद इनका सभापति चुना जाना लगभग तय हो गया था.
2012 में बने थे पहली बार कार्यवाहक सभापति
अवधेश पहली बार आठ अगस्त 2012 को सभापति बने थे. दो बार कार्यकारी सभापति रह चुके हैं. अवधेश नारायण सिंह के विप के सभापति बनने के बाद विधानसभा और विधान परिषद दोनों में अध्यक्ष और सभापति पर बीजेपी का कब्जा हो गया. सभापति का पद जदयू के एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर के सीतामढ़ी से लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद त्यागपत्र देने से रिक्त हुआ था.
उपसभापति पद के लिए रामबचन राय ने किया नामांकन
विधान परिषद के उपसभापति पद के लिए मंगलवार को दिन के सवा 10 बजे जदयू के वरिष्ठ सदस्य डॉ रामबचन राय अपना नामांकन का पर्चा दाखिल किया. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, संसदीय कार्य मंत्री विजस कुमार चौधरी समेत अन्य नेता मौजूद रहे. 24 जुलाई को चुनाव कराया जायेगा और एक ही नामांकन की स्थिति में उनके निर्विरोध निर्वाचन होने की घोषणा सदन में की जायेगी. उम्मीद जतायी जा रही है कि इनका निर्वाचन भी निर्विरोध हो जायेगा. राजद की ओर से इस पद के लिए उम्मीदवार देने की उम्मीद न के बराबर है.