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बिहार ने बनाया नया रिकॉर्ड, 14 माह में लगाए गए दस लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर

बिहार को लालटेन युग से बाहर निकालनेवाले नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिजली विभाग ने एक और उपलब्धि हासिल की है. नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने महज 14 माह में 10 लाख प्रीपेड मीटर लगा कर एक रिकार्ड बनाया है.

पटना. बिजली के क्षेत्र में बिहार ने एक और रिकार्ड बनाया है. नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एनबीपीडीसीएल) ने महज 14 माह में 10 लाख से अधिक प्रीपेड मीटर लगाने का काम किया है, जो एक रिकार्ड है. 13 मार्च को मुजफ्फरपुर और मोतिहारी सर्कल में 10 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर (एसपीएम) लगाने का काम पूरा किया गया. ग्रामीण इलाके में यह एक मील का पत्थर साबित होगा. कंपनी के अधिकारी भी मानते हैं कि मुजफ्फरपुर और मोतिहारी दोनों सर्किलों में 10 लाख एसपीएम रिकॉर्ड 14 महीनों में स्थापित किए गए, जो एक दुर्लभ और सराहनीय उपलब्धि है. एनबीपीडीसीएल ने मुजफ्फरपुर शहरी-2 डिवीजन के पहले ग्रामीण डिवीजन में यह उपलब्धि हासिल की है. अधिकारी कहते हैं कि यह बिहार के ग्रामीण परिदृश्य में एसपीएम की पैठ और बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे बिहार में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य दिया है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा.

बिहार ने पूरे देश में एक मिसाल कायम की

बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने उत्तर बिहार की टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उपलब्धियां उत्कृष्ट टीम वर्क और निर्बाध समन्वय का परिणाम थीं. ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव-सह-सीएमडी संजीव हंस ने इस उपलब्धि को हासिल करने पर पूरी टीम और सभी संबंधित समूहों को बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में बिहार ने बिजली क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सुधार किए हैं. हमने पूरे देश में एक मिसाल कायम की है. मैं इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए मुजफ्फरपुर और मोतिहारी की पूरी टीम को बधाई देता हूं. उन्होंने आगे कहा कि मुजफ्फरपुर सर्कल के शहरी-2 डिवीजन की संतृप्ति, जिसमें 91.02% ग्रामीण उपभोक्ता शामिल हैं. बिहार के ग्रामीण उपभोक्ताओं के बीच एसपीएम की बढ़ती स्वीकार्यता का एक सुखद अनुभूति है.

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सफलता को लेकर विभाग को थी शंकाएं

हंस ने कहा कि प्रारंभ में विभाग को भी ग्रामीण क्षेत्रों में एसपीएम की सफलता को लेकर आशंकाएं थीं. हमने सीतामढी और भागलपुर में दो पंचायतों से शुरुआत की और परिणाम बहुत उत्साहजनक रहे. हम ग्रामीण क्षेत्रों में एसपीएम के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव, हमारे लाभ को बढ़ाने और कुल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटी एंड सी) घाटे में कटौती में इसके गतिशील योगदान पर एक अध्ययन शुरू करने की योजना बना रहे हैं. 2022-2023 में ऊर्जा विभाग को लगभग ₹215 करोड़ का मुनाफ़ा हुआ. वित्तीय वर्ष 2025-2026 में विभाग ने 1.600 करोड़ रुपये के मुनाफे का अनुमान लगाया है. उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी द्वारा अर्जित मुनाफे का लाभ उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है. हंस ने कहा कि बिहार विद्युत विनियामक आयोग (बीईआरसी) ने हाल ही में टैरिफ में 15 पैसे की कमी की है. हम धीरे-धीरे एसपीएम द्वारा पूरे 2 करोड़ उपभोक्ताओं को कवर करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं.

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