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बिहार में 5 महीने के अंदर दरिंदे को मिली फांसी की सजा, 9 साल की बच्ची को हवस का शिकार बनाकर कर दी थी हत्या

सिधवलिया थाने के बखरौर गांव में नौ साल की बच्ची के साथ रेप के बाद उसकी हत्या करने के मामले में शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (छह) बालेंद्र शुक्ला के पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने आरोपित को दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनायी है. कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध माना है. सजा सुनाये जाने के बाद दोषी पाये गये बखरौर गांव निवासी जय किशोर साह को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया. कोर्ट का आदेश आने के बाद पीड़ित परिजनों ने कहा कि दोषी को उसके अपराध की सजा मिली है और हमें इंसाफ. ऐसे अपराध करने वालों को फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिए.

सिधवलिया थाने के बखरौर गांव में नौ साल की बच्ची के साथ रेप के बाद उसकी हत्या करने के मामले में शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (छह) बालेंद्र शुक्ला के पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने आरोपित को दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनायी है. कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध माना है. सजा सुनाये जाने के बाद दोषी पाये गये बखरौर गांव निवासी जय किशोर साह को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया. कोर्ट का आदेश आने के बाद पीड़ित परिजनों ने कहा कि दोषी को उसके अपराध की सजा मिली है और हमें इंसाफ. ऐसे अपराध करने वालों को फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिए.

25 अगस्त, 2020 को सिधवलिया थाने के बखरौर गांव की नौ वर्षीय बच्ची अपने ही गांव के जय किशोर साह के घर जाकर उसके बच्चे को खेला रही थी. इसी बीच जयकिशोर ने उसे अकेला पाकर पकड़ लिया और दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी. इसके बाद शव को बक्से में बंद कर छज्जा पर रख दिया और दरवाजे में ताला बंद कर फरार हो गया था. संदेह होने पर घर का ताला तोड़कर छज्जा से शव बरामद किया गया था.

इस मामले को लेकर सिधवलिया थाने में कांड संख्या 187/2020 दर्ज किया गया था. कांड के अनुसंधानकर्ता की तरफ से आरोप पत्र समर्पित किये जाने के बाद मामले की सुनवाई एडीजे छह सह पॉक्सो स्पेशल बालेंद्र शुक्ला के कोर्ट में चल रही थी. अभियोजन पक्ष से स्पेशल पीपी पॉक्सो दारोगा सिंह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता अबू शमीम अंसारी की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने दोषी पाते हुए सजा सुनायी.

आरोपित जय किशोर साह का मुकदमा लड़ने से वकीलों ने इन्कार कर दिया था. पुलिस की अपील पर मामले में स्पीडी ट्रायल शुरू हुआ. आरोपित की अपील पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अबू शमीम को नियुक्त किया गया था. मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से प्राप्त साक्ष्य के बाद आरोप गठन कर एक माह के अंदर सारी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए दोषी को फांसी की सजा सुनायी गयी.

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Posted By: Thakur Shaktilochan

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