बिहार विधान परिषद चुनाव: कांग्रेस की जीती सीट पर राजद ने तय किये उम्मीदवार? सीट शेयरिंग पर फिर मचा घमासान
बिहार विधान परिषद चुनाव को लेकर राजद और कांग्रेस में सीट शेयरिंग का पेंच फिर फंसता दिख रहा है. राजद ने जिन सीटों पर उम्मीदवार लगभग तय कर दिये हैं उनमें कांग्रेस की जीती हुई सीट भी है.
बिहार परिषद चुनाव को लेकर अब सियासी दलों की तैयारियां तेज हो गयी है. विधानमंडल के उपरी सदन में 24 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर महागठबंधन और एनडीए अब सीटों के बंटवारे पर काम करने में जुटे हैं. चर्चा तेज है कि राजद और कांग्रेस एकबार फिर सीट शेयरिंग को लेकर आमने-सामने की नौबत पर है. राजद के तरफ से नौ उम्मीदवार लगभग तय माने जा रहे हैं. लेकिन कांग्रेस अभी सीटों को लेकर दावे ही कर रही है.
बिहार में पंचायत चुनाव संपन्न होते ही अब 24 सीटों के लिए विधान परिषद चुनाव की तैयारी तेज हो गयी है. हाल में ही संपन्न हुए विधानसभा उपचुनाव में राजद और कांग्रेस के बीच खटास हुई है और दोनों दलों ने दो सीटों पर अलग-अलग उम्मीदवार उतारे थे. अब विधानपरिषद चुनाव में भी दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मनमुटाव की खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि राजद कांग्रेस के लिए कम सीटों की पेशकश कर रही है और कांग्रेस इस बात से नाराज है और अधिक सीटों पर अपनी भागिदारी चाहती है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस इस बार अपने लिए 7 सीटों की मांग कर रही है लेकिन राजद ने कांग्रेस के लिए 4 सीटों का मूड बनाया है. उधर जानकारी आ रही है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार करीब-करीब तय कर चुके हैं. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुहर लगते ही इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है. इन उम्मीदवारों का नाम तय करते समय कांग्रेस की दावेदारी का कोई ख्याल नहीं रखा गया. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा रहा है कि जिस सीट पर कांग्रेस की जीत हुई थी वहां भी राजद ने उम्मीदवार का नाम लगभग तय कर लिया है.
पश्चिमी चंपारण से कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत हुई थी. लेकिन मीडिया रिपोर्ट की मानें तो तेजस्वी ने जिन 9 सीटों पर उम्मीदवार तय किये हैं उसमें 1 उम्मीदवार इस सीट पर भी दे दिया है. दरभंगा और बेगूसराय में भी कुछ ऐसा ही आलम बताया जा रहा है. बता दें कि विधानसभा उपचुनाव में राजद ने कांग्रेस के उम्मीदवार पर भी सवाल खड़े कर दिये थे और जीतने में सक्षम नहीं बताया था. अब विधान परिषद चुनाव में भी कुछ ऐसे ही तर्क दिये जाने लगे हैं. अब देखना बांकि है कि राजद और कांग्रेस किस तरह आगामी विधानपरिषद चुनाव में अपने फैसले लेती है.
Posted By: Thakur Shaktilochan