बिहार विधान परिषद: MLC चुनाव में भाजपा के वर्चस्व के बीच JDU पसारेगा पांव? मांझी और सहनी की जानें भूमिका

बिहार में पंचायत चुनाव खत्म होते ही अब विधान परिषद की 24 सीटों पर मतदान की तैयारी तेज है. इन 24 सीटों पर सबसे अधिक भाजपा का ही कब्जा रहा है लेकिन इस बार सीट शेयरिंग में अलग नजारा देखने को मिल सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2022 5:43 PM

बिहार में पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद अब विधान परिषद चुनाव की तैयारी तेज हो गयी है. 24 सीटों के लिए मतदान पिछले साल ही हो जाना था लेकिन कोरोना संक्रमण को लेकर पंचायत चुनाव टला तो विधान परिषद चुनाव भी आगे सिखकता चला गया. एनडीए के लिए इस बार का चुनाव खास रहने वाला है. गठबंधन का पन्ना इसबार 2015 से काफी अलग है. सीट शेयरिंग में इसका असर दिख सकता है.

विधान परिषद में स्थानीय निकाय कोटे से बीजेपी की संख्या अब 13 रह गयी है. 2015 के चुनाव में इन 24 सीटों के चुनाव में भाजपा के सबसे अधिक 11 उम्मीदवार जीते थे. कटिहार के निर्दलीय अशोक अग्रवाल और सहरसा से लोजपा के टिकट पर जीतीं नूतन सिंह भाजपा में शामिल हो गयी हैं. वहीं 2015 में जदयू के 5 प्रत्याशी इन सीटों पर जीते थे. बाद में भोजपुर के राधा चरण साह, मुंगेर के संजय प्रसाद और सीतामढ़ी के दिलीप राय राजद छोड़कर जदयू में शामिल हो गये. बदलाव के बाद स्थानीय निकाय कोटे से जदयू के नौ सदस्य हैं.

विधान परिषद में आज भी भाजपा अन्य दलों से मजबूत है. लेकिन इस बार जिन 24 खाली हुए सीटों पर चुनाव होना है उसमें सबसे अधिक भाजपा के ही कोटे की सीट खाली हुई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जदयू इस बार आधी सीटों पर दावेदारी ठोक रहा है. यानी जदयू 24 में 12 सीटें मांग सकती है. उधर एनडीए में जीतन राम मांझी की पार्टी हम और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी भी कुछ सीटें मांग सकती है. जबकि पशुपति पारस भी इस समय एनडीए के ही साथ हैं.

Also Read: लालू यादव की जगह नये सुप्रीमो को मिलेगी राजद की कमान? तेज- तेजस्वी, राबड़ी या कोई और..जानें सियासी हलचल

ऐसा माना जा रहा है कि जदयू और भाजपा के बीच सीट शेयरिंग में कुछ खास पेंच नहीं फंसने वाला है. पिछले विधानसभा चुनाव में भी जदयू के कइ उम्मीदवार उन सीटों पर लड़े जो भाजपा की सीटिंग थी. लेकिन पहले वहां जदयू के उम्मीदवार जीते थे. भाजपा ने वो सीटें दे भी दी थी. इधर मुकेश सहनी और जीतनराम मांझी लगातार जिस तरह अपने ही गठबंधन से टकरा रहे हैं, राजनीतिक मामले के जानकार इसे विधान परिषद चुनाव में भागिदारी से भी जोड़कर देख रहे हैं.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version