बिहार में विधान परिषद के स्थानीय निकायों के लिए 24 सीटों के चुनाव में पांच जातियों का दबदबा रहा. इस बार 13 सीटों पर सवर्ण उम्मीदवारों की जीत हुई है. 11 उम्मीदवार पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग से हैं. एक भी मुस्लिम उम्मीदवार जीतकर नहीं आये हैं. हालांकि, जदयू ने नवादा से मुस्लिम उम्मीदवार सलमान रागिब और राजद ने मधुबनी से मो मेराज को चुनाव मैदान में उतारा था. कांग्रेस ने भी दरभंगा सीट से अल्पसंख्यक उम्मीदवार उतारे थे.
चुनाव जीतने वालों में छह वैश्य और पांच यादव जाति के उम्मीदवार हैं. सवर्ण जातियों में छह सीटों पर भूमिहार, छह सीटों पर राजपूत और एक सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार को जीत मिली. साथ ही छह सीटों पर वैश्य को भी सफलता मिली है, लेकिन इसमें वैश्य की कई उपजातियों के उम्मीदवार भी शामिल हैं. भूमिहार जाति के उम्मीदवार राजद और भाजपा से अधिक जीते.
जीते हुए भूमिहार प्रत्याशियों में राजद के टिकट पर पटना से कार्तिक सिंह, मुंगेर से अजय सिंह और पश्चिम चंपारण से इंजीनियर सौरभ ने भूमिहार उम्मीदवार के तौर पर जीते हैं. वहीं गोपालगंज से भाजपा के टिकट पर राजीव कुमार विजयी रहे जो भूमिहार हैं. बेगूसराय में कांग्रेस के राजीव को जीत मिली है. वहीं, सारण से निर्दलीय सच्चिदानंद राय ने जीत हासिल की है.
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बिहार विधान परिषद चुनाव परिणाम शुक्रवार को सामने आये. भाजपा के खाते में सबसे ज्यादा सात सीटें गयी हैं. दूसरे नंबर पर राजद रहा, जिसे छह सीटें हासिल हुई हैं. जदयू को चार सीटें मिली हैं. कांग्रेस और रालोजपा (पारस) ने भी एक-एक सीट पर कब्जा जमाया है.
जदयू अभी भी उच्च सदन में सबसे बड़ा दल बना हुआ है. वहीं राजद ने 6 सीटें जीतकर सदन में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी भी बचा ली है. राबड़ी देवी के पास इस बार फिर नेता प्रतिपक्ष बनने का मौका है. पटना की सीट राजद के कब्जे में रही है.