बिहार विधानसभा उपचुनाव में महागठबंधन से अलग हुई कांग्रेस अब आगामी विधान परिषद चुनाव में मैदान में उतरने के लिए राजद के करीब जाने लगी है. लेकिन दूसरी तरफ राजद अभी भी पुराने मूड में ही दिख रही है और कांग्रेस से फिलहाल दूरी ही बनाए हुए है. राजद ने अपने उम्मीदवारों को मौखिक रुप से तैयार रहने को भी कह दिया है. इस बीच कांग्रेस की उम्मीदें अभी भी कायम है कि साथ चुनाव लड़ने के लिए राजद के साथ बात बन जाएगी.
बिहार में विधान परिषद के चुनाव को लेकर राजद ने उम्मीदवारों के नामों पर अपना फैसला लगभग ले लिया है. आरजेडी के संभावित उम्मीदवार फील्ड में भी उतरते देखे जा रहे हैं. इस बीच कांग्रेस राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के मूड में है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी कांग्रेस के नेताओं की बात हो सकती है. इस दौरान कांग्रेस 6 से 7 सीटों की मांग कर सकती है.
बता दें कि हाल में ही बिहार में विधानसभा की 2 सीटों पर उपचुनाव हुआ. इस दौरान सीट शेयरिंग को लेकर विवाद छिड़ा तो कांग्रेस ने राजद से अलग उम्मीदवार उतार दिये. दोनों सीटों पर राजद की हार हुई. वहीं लालू यादव ने कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास को भक्चोंहर कहा तो सियासत गरमायी थी.
कांग्रेस राजद पर हमलावर रहा. लेकिन अब ये दूरी कांग्रेस अपने तरफ से खत्म करने के प्रयास में है. लेकिन राजद ने भी शायद कुछ तय कर लिया है इसलिए कांग्रेस ने जिस चंपारण सीट को जीता था वहां भी अब राजद के उम्मीदवार उतारे जा रहे हैं.
इस बीच कांग्रेस राजद को नसीहत भी देती दिख रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि कांग्रेस राजद के साथ विधान परिषद चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन राजद अगर ऐसा नहीं करती है तो पिछला उपचुनाव याद करना चाहिए. इसका परिणाम ये रहा था कि राजद दोनों सीटों पर हारी थी.
पिछले विधान परिषद चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस अधिक सीट चाहती है. उन्होंने महागठबंधन को एकजुट बताया और राजद को गठबंधन धर्म के पालन की सलाह दी. बता दें कि उपचुनाव के विवाद में कांग्रेस ने साफ कहा था कि बिहार में कांग्रेस को महागठबंधन से कोई लेना-देना नहीं है.
Posted By: Thakur Shaktilochan