Bihar Monsoon Session: विधानसभा में विपक्ष ने चलाया समानांतर सदन, महबूब आलम ने किया संचालन

Bihar Monsoon Session विधान परिषद में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को लेकर दिये गये कथित बयान के विरोध में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया.

By RajeshKumar Ojha | July 25, 2024 7:23 PM
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Bihar Monsoon Session माॅनसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने भारी हंगामा किया. बुधवार को कांग्रेसी नेताओं पर लाठीचार्च और अपराध के मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर हुए हंगामें के कारण विधानसभा की कार्यवाही जहां भोजानवकाश के चालीस मिनट पहले ही स्थगित करनी पड़ी. भोजनावकाश के बाद शुरू कार्यवाही के दौरान भी विपक्षी सदस्य शोरगुल और नारेबाजी करते रहे.

इसके कारण एक बार फिर सदन की कार्यवाही शाम साढ़े चार बजे तक स्थगित करनी पड़ी. विपक्षी सदस्यों ने सदन के भीतर ही समानांतर सदन चलाने की कोशिश की. विधानसभाध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कड़े शब्दों में हंगामा कर रहे सदस्यों को चेतावनी भी दी,लेकिन इसका हंगामा कर रहे सदस्यों पर कोई असर नहीं पड़ा. विपक्षी सदस्य युवा कांग्रेस पर हुई लाठीचार्ज का विरोध कर रहे थे.

साथ ही अपराध, विशेष राज्य का दर्जा, अग्निवीर, बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी और पेपर लीक जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे. वहीं विधान परिषद में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को लेकर दिये गये कथित बयान के विरोध में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया.विपक्षी सदयों ने पहले अपने आसन पर खड़े होकर पोस्टर लहराया. फिर भाकपा माले के महबूब आलम और कांग्रेस के राजेश कुमार ने वेल में आकर नारेबाजी की. उनके साथ कुछ विधायकों को छोड़कर सभी सदस्य वेल में पहुंच गये. यह हंगामा पूरे प्रश्नकाल तक चला. पहले आसन के सामने खड़े होकर नारेबाजी की गयी.

कुछ विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्टर टेबल उलटने की कोशिश की

वेल में खड़े कुछ विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्टर टेबल उलटने की कोशिश की. इस पर अध्यक्ष ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि अगर विधानसभा के किसी कर्मचारी को चोट लगी तो बख्शा नहीं जायेगा. करीब एक घंटे तक खड़ा होकर हंगामा करने के बाद विपक्ष के सदस्यों वेल में ही बैठकर समानांतर सदन चलाने लगे. इसका संचालन माले के महबूब आलम ने किया. आसन के बार-बार समझाने के बाद भी विपक्षी सदस्य अपने आसन पर नहीं गये. शून्यकाल आरंभ होने के बाद उन्होंने सदन का बहिष्कार किया और बाहर चले गये

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