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बिहार : संकट में माउंटेन मैन दशरथ मांझी का परिवार, मदद के लिए आगे आये लोग

द माउंटेन मैन के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी का परिवार इन दिनों बहुत ही नाजुक परिस्थितियों से गुजर रहा है. ऐसे में धरती फॉउंडेशन टीम ने अपनी सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाते हुए उनके परिवार के लोगों की देखरेख करने से लेकर हर प्रकार की आवश्यक जरुरतों की पूर्ति करने को आगे आये हैं.

By Rajat Kumar | July 23, 2020 10:01 AM

नवादा : द माउंटेन मैन के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी का परिवार इन दिनों बहुत ही नाजुक परिस्थितियों से गुजर रहा है. ऐसे में धरती फॉउंडेशन टीम के रुद्र प्रताप सिंह, प्रशांत भारद्वाज, अमित परमार, दिग्विजय सिंह, अंश रितिक ने अपनी सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाते हुए उनके परिवार के लोगों की देखरेख करने से लेकर हर प्रकार की आवश्यक जरुरतों की पूर्ति करने को आगे आये हैं.

धरती फाउंडेशन के संस्थापक ने समाज के वास्तविक नायक के परिवार को इस तरह की नाजुक परिस्थितियों में गोद लेने का संकल्प लिया है. साथ में बताया कि उनके परिवार की अब देखरेख की जिम्मेदारी धरती फाउंडेशन करेगी. बता दें कि बिहार के ‘द माउंटेन मैन’ के नाम से विख्यात और गया निवासी दशरथ मांझी का परिवार कोरोना लॉकडाउन और बच्ची के एक्सीडेंट की वजह से कर्ज में डूब गया है. इसकी वजह से उनका परिवार अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है.

माउंटेन मैन की कहानी 

दशरथ मांझी एक बेहद पिछड़े इलाके से आते थे और दलित जाति से थे. शुरुआती जीवन में उन्हें अपना छोटे से छोटा हक मांगने के लिए संघर्ष करना पड़ा. वे जिस गांव में रहते थे वहां से पास के कस्बे जाने के लिए एक पूरा पहाड़ गहलोर को पार करना पड़ता था. उनके गांव में उन दिनों न बिजली थी, न पानी. ऐसे में छोटी से छोटी जरूरत के लिए उस पूरे पहाड़ को या तो पार करना पड़ता था या उसका चक्कर लगाकर जाना पड़ता था.

उन्होंने फाल्गुनी देवी से शादी की. दशरथ मांझी को गहलौर पहाड़ काटकर रास्ता बनाने का जुनून तब सवार हुया, जब पहाड़ के दूसरे छोर पर लकड़ी काट रहे अपने पति के लिए खाना ले जाने के क्रम में उनकी पत्नी फगुनी पहाड़ के दर्रे में गिर गयी और उनका निधन हो गया. यह बात उनके मन में घर कर गयी. इसके बाद दशरथ मांझी ने संकल्प लिया कि वह अकेले दम पर पहाड़ के बीचों-बीच से रास्ता निकलेगा और अतरी व वजीरगंज की दूरी को कम करेगा. दशरथमांझी का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली में पित्ताशय के कैंसर से पीड़ित मांझी का 73 साल की उम्र में, 17 अगस्त 2007 को निधन हो गया था.

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