Bihar: पटना. फर्नीचर व्यवसायी से रंगदारी मांगने के आरोप में सांसद पप्पू यादव का पक्ष आ गया है. पप्पू यादव ने पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि आरोप बेबुनियाद हैं और इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए. पूर्णिया के नवनिर्वाचित सांसद ने कहा कि यह मामला मेरी राजनीतिक छवि बिगाड़ने की एक साजिश है. जिसको मैं जनता तक नहीं, अदालत तक ले जानेवाला हूं. सच सबके सामने आए, इसके लिए मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच की मांग करता हूं. उन्होंने कहा कि राष्ट्र और प्रदेश स्तर पर यह मेरी छवि को धूमिल और दागदार करने की साजिश है.
विरोधियों को हजम नहीं हो रहा जनादेश
पप्पू यादव ने कहा कि पूर्णिया लोकसभा में जनता के जनादेश के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिल रहे सम्मान से विरोधियों को हजम नहीं हो रही है, जिससे वे इस तरह की ओछी हरकत पर उतर आए हैं. पप्पू यादव ने कहा कि साल 2021 की बात पर साल 2024 में फिर बिना जांच के दर्ज करना ही एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है. इसकी कोई ऑथेंटिसिटी नहीं है. ऐसे किसी मामले से मेरा दूर- दूर तक कहीं लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि पूर्णिया में चुनाव लड़ने से लेकर अब चुनाव के बाद भी मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है. इसलिए हम डीआईजी साहब से इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट निगरानी में कॉल डिटेल से लेकर हर पहलू पर जांच की मांग करते हैं.
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थाने में दर्ज हुआ है मामला
पूर्णिया पुलिस ने सांसद पप्पू यादव और उनके कथित करीबी अमित यादव पर एक फर्नीचर व्यवसायी से रंगदारी मांगने व धमकी देने का मामला दर्ज किया है. पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 10 जून को फर्नीचर व्यवसायी ने एक लिखित आवेदन के माध्यम से उल्लेख किया कि दिनांक 2 अप्रैल 2021 को सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव द्वारा 10 लाख रुपये रंगदारी टैक्स की मांग की गयी थी. वर्ष 2023 के दुर्गापूजा के दौरान मोबाइल व वाट्सएप काल पर 15 लाख रुपये, दो सोफा सेट मांगने के साथ-साथ इनको धमकी व गाली-गलौज किया गया.