पटना नगर निगम के महापौर और उमहापौर पद के लिए चुनाव मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों को अधिकतम तीस-तीस लाख रुपया खर्च करने की छूट रहेगी. यानी मेयर और डिप्टी मेयर पद के उम्मीदवार किसी भी हाल में चुनाव के दौरान सभी 75 वार्डों में कुल मिला कर तीस लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च नहीं कर पायेंगे.
राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए फार्मूला जारी कर दिया है. इसके तहत वार्ड की संख्या गुने वार्ड काउंसेलर के लिए निर्धारित खर्च सीमा को जोड़ कर जो राशि आयेगी उसका आधा उम्मीदवार की अधिकतम खर्च सीमा रहेगी. पटना नगर निगम में वार्डों की संख्या 75 है. यहां वार्ड काउंसेलर के उम्मीदवार को दो तरह की राशि खर्च करने की सीमा निर्धारित की गयी है.
पहला, जिस वार्ड की आबादी चार हजार से 10 हजार के बीच है, वहां के उम्मीदवार साठ हजार रुपया खर्च कर सकेगे. दूसरा, जिन वार्डों की आबादी दस से 20 हजार की है, वहां के वार्ड कासंउेलर पद के उम्मीदवार 80 हजार रुपये खर्च कर पायेंगे. यानी वार्ड में 80 हजार रुपये चुनाव में खर्च करने की सीमा मानी जाये तो पटना नगर निगम के लिए कुल रकम होती है 75 गुने 80 हजार, यानी 60 लाख रुपये. अब इसका आधा यानी 30 लाख रुपया, पटना के मेयर और डिप्टी मेयर के लिए चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार अधिकतम खर्च कर पायेगा. इसी प्रकार नगर पंचायत और नगर परिषद के मुख्य पार्षद एवं उप मुख्य पार्षद के पद के लिए अधिकतम खर्च की राशि निर्धारित की गयी है.
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राज्य के नगर निकायों में नगरपालिका चुनाव 2022 कराने पर करीब 18.59 करोड़ रुपये खर्च होंगे. राज्य निर्वाचन आयोग की मांग पर नगर विकास एवं आवास विभाग ने यह राशि स्वीकृत कराते हुए उपलब्ध करायी है. इस राशि का आकलन 250 संभावित नगर निकायों में लगभग 16 हजार मतदान केंद्रों पर सामग्री की आपूर्ति के मद में किया गया है.