Bihar National Highways: आमस-दरभंगा और रामजानकी मार्ग समेत बिहार के 4 NH प्रोजेक्ट अटके, इस वजह से फंसा है पेच

Bihar National Highways: बिहार की चार महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं भूमि अधिग्रहण के पेंच में फंसी हुई हैं. इनमें औरंगाबाद-चोरदाहा, चोरमा-बैरगनिया, आमस-दरभंगा और रामजानकी मार्ग शामिल हैं.

By Anand Shekhar | September 12, 2024 3:55 PM

Bihar National Highways: भू-अर्जन की पेंच में राज्य की चार महत्वपूर्ण एनएच परियोजनाएं फंसी हैं. इनमें औरंगाबाद-चोरदाहा, चोरमा-बैरगनिया, आमस-दरभंगा और रामजानकी मार्ग एनएच शामिल हैं. यह जानकारी बुधवार को जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों की मासिक बैठक में एनएचएआइ के क्षेत्रीय पदाधिकारी वाई बी सिंह की तरफ से सामने लाई गई. पटना के शास्त्रीनगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने की.

मुआवजा भुगतान की वजह से नहीं बन पा रही सड़क

बैठक में एनएचएआइ के क्षेत्रीय पदाधिकारी वाईबी सिंह ने बताया कि औरंगाबाद-चोरदाहा एनएच निर्माण में 20 टूटने वाले मकानों का मुआवजा भुगतान नहीं हो पाने की वजह से गया में 980 मीटर में सड़क नहीं बन पा रही है. वहीं चोरमा-बैरगनिया परियोजना में 69 करोड़ रुपये आवंटित हुये, लेकिन अब तक मात्र 4.5 करोड़ राशि का ही रैयतों को भुगतान हो पाया है. यहां 89 खेसरा मिसिंग है जिसे शीघ्र अधिसूचित करने का निर्देश जिला भू अर्जन पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण को दिया गया है.

आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे में कई जिलों में समस्या

आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे में कई जिलों में समस्याएं हैं. 80 फीसदी बाधारहित जमीन मिल पाने की स्थिति में ही काम ठीक से शुरू हो सकेगा. इसमें गया और जहानाबाद जिला भी शामिल हैं. वहीं रामजानकी मार्ग निर्माण को लेकर सीवान और सारण जिले में समस्या है. मुआवजे की दर को लेकर रैयतों का विरोध है. सारण जिले में 27 करोड़ में से मात्र आठ करोड़ की राशि का ही रैयतों में भुगतान हुआ है.

साप्ताहिक और पाक्षिक बैठक का निर्देश

अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने निर्देश दिया है कि भू-अर्जन से संबंधित मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए जिला स्तर पर साप्ताहिक बैठक होगी. जिले में एनएच, रेलवे और पथ निर्माण की सभी परियोजनाओं की समीक्षा होगी. भू अर्जन निदेशालय आगे से जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों की पाक्षिक बैठक करेगा. इसमें उत्तरी और दक्षिणी बिहार के डीएलओ की अलग-अलग बैठक होगी. उसमें लंबित परियोजनाओं की विस्तार से समीक्षा होगी. इसके अतिरिक्त महत्वपूर्ण परियोजनाओं की गति तेज करने के लिए निदेशालय स्तर से हरेक शुक्रवार को शाम चार बजे जूम से बैठक होगी.

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अपर मुख्य सचिव ने दिया निर्देश: एक भी किसान का भगतान बकाया नहीं रहे

अपर मुख्य सचिव ने इस बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा है कि एक भी किसान का मुआवजा भुगतान बकाया नहीं रहना चाहिए. उन्होंने गया और जहानाबाद में बकास्त जमीन के रैयतीकरण सहित चकबंदी से संबंधित समस्या के निदान के लिए निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि विभाग के 2014 के पत्र के आलोक में बकास्त भूमि का रैयतीकरण किया जाना है. संबंधित जिला पदाधिकारी इसके लिए परियोजना स्थल पर शिविर लगाएं और इसके लिए वहां डीसीएलआर, सीओ और कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति करें. उन्होंने कहा कि मुआवजे के भुगतान का मुद्दा बेहद अहम है.

अपर मुख्य सचिव ने भू-अर्जन पदाधिकारियों से कहा कि एक बार मुआवजा भुगतान शुरू करें तो उसे पूरा कर दें. ऐसा देखा जाता है कि 80 फीसदी मुआवजा भुगतान कर देने के बाद डीएलओ बाकियों के लिए लापरवाह हो जाते हैं. यह ठीक नहीं है. इसके साथ ही अपर मुख्य सचिव ने विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि हर जिले में दो अमीन और डाटा इंटी ऑपरेटरों की प्रतिनियुक्ति के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं. जरूरी होने पर अन्य पदों के सृजन का प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर लिया जाए. भू-अर्जन पदाधिकारियों ने बताया था कि उनके कार्यालयों में अमीन और डाटा इंट्री ऑपरेटर की कमी है.

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