बिहार में महादलित, अति पिछड़ा समेत 4 आयोग को किया गया भंग, सरकार बदलने के बाद सभी सदस्य व अध्यक्ष हटाए गए
बिहार में सरकार बदलने के बाद एनडीए सरकार ने 4 आयोग को भंग कर दिया है. महादलित, अति पिछड़ा समेत 2 अन्य आयोग को हटा दिया गया. इन आयोगों के अध्यक्ष और तमाम सदस्याें को पद से हटा दिया गया. अब नए सिरे से सारे पदों को भरा जाएगा.
Bihar Politics: बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद नयी सरकार बनते ही कई आयोगों को भंग कर दिया गया है. बिहार की एनडीए सरकार ने महादलित, अति पिछड़ा समेत 4 आयोग भंग कर दिया और इसके अध्यक्ष व सदस्य अब पदमुक्त कर दिए गए हैं. इसे लेकर आदेश जारी कर दिया गया है.
चार आयोगों को किया गया भंग
बिहार सरकार ने चार आयोगों में नियुक्त किये गये तमाम पदाधिकारियों को उनके पद से विमुक्त कर दिया है. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने दो फरवरी की तिथि से ही अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के मुताबिक अतिपिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग के अध्यक्ष डॉ नवीन कुमार आर्य के अतिरिक्त उनके चार सदस्य और महादलित आयोग के अध्यक्ष संतोष कुमार निराला सहित उनके चार सदस्य को पद से विमुक्त किया गया है.
वर्ष 2022 और 2023 में हुई थी नियुक्ति
वहीं, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष शंभू कुमार सुमन व उसके तीन सदस्य, जबकि राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सहित आयोग के चार सदस्यों को भी उनके पद से हटाया गया है. अतिपिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग में 18 अक्टूबर ,2022 को जबकि शेष तीन आयोगों में 25 जुलाई 2023 को अध्यक्ष सहित तमाम सदस्यों की नियुक्ति की गयी थी.
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बिहार में सियासी उलटफेर
गौरतलब है कि बिहार में हाल में ही सियासी उलटफेर हुआ है. जदयू ने खुद को अलग किया तो महागठबंधन की सरकार गिर गयी. जदयू ने एनडीए का साथ फिर एकबार पकड़ा और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए एकबार फिर से सत्ते में आयी है. भाजपा ने सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया है. वहीं फिर एकबार राजद समेत महागठबंधन कुनबा विपक्ष में बैठेगा. दूसरी ओर हम पार्टी और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन एनडीए को मिला है. विधानसभा का बजट सत्र शुरू होते ही नयी सरकार विश्वास मत हासिल करेगी. फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा. इधर अब इन चारों आयोगों में भी नयी सरकार अब नए सदस्यों और अध्यक्षों को नियुक्त करेगी.