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बिहार में सड़क हादसा कम करने के लिए लागू होगा नया गाइडलाइन, चलेगा जागरूकता अभियान

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सड़क हादसे रोकने के लिए समेकित तौर पर गाइडलाइन तैयार किया है. परिवहन, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, स्वास्थ्य सहित अन्य संबंधित विभागों से भी सलाह लेने पर प्राधिकरण ने इस गाइडलाइन को तैयार किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2022 4:54 AM

राज्यभर में सड़क हादसा कम करने के लिए गाइडलाइन बनाया जा रहा है. जिसका ड्राफ्ट बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने तैयार किया है. जल्द ही इस ड्राफ्ट की सरकार के स्तर पर मंजूरी ली जायेगी और इसे लागू हो जायेगा. जानकारी के मुताबिक सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे है. लेकिन, सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है. ग्रामीण इलाका सहित पटना के ही कई सड़क व चौक-चौराहे ऐसे हैं जहां आये दिन सड़क हादसे हो रहे हैं.

हादसे कम करने के लिए प्रयास 

सड़क सुरक्षा परिषद के माध्यम से इन हादसों को कम करने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन उसका सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहा है. इसे देखते हुए ही बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने समेकित तौर पर गाइडलाइन तैयार किया है. परिवहन, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, स्वास्थ्य सहित अन्य संबंधित विभागों से भी सलाह लेने पर प्राधिकरण ने इस गाइडलाइन को तैयार किया है. जिसकी अब औपचारिक मंजूरी मिलनी बाकी है. फिर इस गाइडलाइन पर परिवहन सहित अन्य संबंधित विभाग अमल करेंगे. सूत्रों के मुताबिक इस गाइडलाइन को अगले तीन माह में लागू कर दिया जायेगा.

क्या है गाइडलाइन में

अधिक सड़क दुर्घटना वाले जिलों के लिए विशेष कार्ययोजना बनायी गयी है. जिला स्तर पर सड़क सुरक्षा समिति की ओर से जागरुकता अभियान चलेगा. ब्लैक स्पॉट चिह्नित करने की आवश्यक कार्रवाई होगी. वहीं, सड़क किनारे वाले दुकानों, एटीएम, पेट्रोल पम्प, शो-रूम आदि में क्या करें, क्या न करें का बोर्ड लगाया जायेगा. राज्य संसाधन समूह का गठन होगा.

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ऐसे चलेगा जागरूकता अभियान

  • गाड़ी चलाते समय मोबाइल का उपयोग नहीं करें, इसके लिए युवाओं के बीच जागरूकता अभियान चलेगा.

  • ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते समय एक बुकलेट दिया जायेगा जिसमें सुरक्षित ड्राइविंग की जानकारी रहेगी. स्कूल-कॉलेज में सेफ्टी ड्राइविंग पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा. युवाओं के बीच सेफ्टी ड्राइविंग प्रतियोगिता का आयोजन होगा.

  • हर हाल में सभी जिलों में ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण किया जायेगा, ताकि कुशल चालकों को ही ड्राइविंग लाइसेंस मिल सके.

  • ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. वहीं, सड़क दुर्घटना के पहले और बाद में घायलों की देखभाल की क्या व्यवस्था हो, यह तय होगा. इस दिशा में कार्य करने वाली एजेंसियों का मूल्यांकन होगा.

  • दुर्घटना होने पर बीमा कंपनियों से दावा का भुगतान में सरकार मदद करेगी.सड़क दुर्घटना का मूल्यांकन और उससे होने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जायेगा.

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