सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए बिहार के इन जिलों में खोले जाएंगे 61 ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल, निजी क्षेत्र के संस्थानों को मिलेगा अवसर…
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और नौसिखिया चालकों को पूर्व से ही कुशल प्रशिक्षण मिल सके, इसके लिए सभी जिलों में कुल 61 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जायेंगे. ट्रेनिंग स्कूलों में जहां नौसिखिया चालकों को कुशल वाहन चालन का प्रशिक्षण मिल सकेगा. वहीं निजी क्षेत्र के संस्थानों, व्यक्तियों को रोजगार का एक बड़ा अवसर मिलेगा.
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और नौसिखिया चालकों को पूर्व से ही कुशल प्रशिक्षण मिल सके, इसके लिए सभी जिलों में कुल 61 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जायेंगे. ट्रेनिंग स्कूलों में जहां नौसिखिया चालकों को कुशल वाहन चालन का प्रशिक्षण मिल सकेगा. वहीं निजी क्षेत्र के संस्थानों, व्यक्तियों को रोजगार का एक बड़ा अवसर मिलेगा.
निजी क्षेत्र में इच्छुक संस्थानों, व्यक्तियों को मौका
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य के निजी क्षेत्र में इच्छुक संस्थानों, व्यक्तियों द्वारा आधुनिक तकनीकी आधारित मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए मोटर वाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना शुरू की जा रही है.
जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिए जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. बड़े जिले को ए श्रेणी में रखा गया. इसमें तीन, मध्यम जिले को बी श्रेणी में रखा गया है, जिसमें दो और सी श्रेणी के जिले में एक मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जायेंगे.
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इन जिलों में तीन-तीन मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खुलेंगे
पटना, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णिया, भागलपुर.
इन जिलों में दो-दो मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खुलेंगे
वैशाली, सीवान, समस्तीपुर, रोहतास, मोतिहारी, दरभंगा, बेतिया, भोजपुर, औरंगाबाद, बेगूसराय, गोपालगंज, मधुबनी, नालंदा.
इन जिलों में एक-एक मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खुलेंगे
अररिया, अरवल, बांका, बक्सर, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नवादा, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, गोपालगंज.
प्रशिक्षण के अभाव में होती हैं दुर्घटनाएं
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि प्रशिक्षण के अभाव में वाहन चलाने के दौरान चालक गलतियां करते हैं और दुर्घटना के शिकार होते हैं. सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से वाहन चालकों को पूर्व से ही प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है.इससे सड़क दुर्घटना में कमी आ सकेगी. मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिए अनुदान के रूप में कुल प्राक्कलित राशि का 50 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपये दोनों में जो न्यूनतम होगा, मिलेगा.
कोई भी संस्थान या व्यक्ति ट्रेनिंग स्कूल खोल सकता है
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल निजी क्षेत्र के संस्थान या कोई व्यक्ति भी खोल सकते हैं. सुरक्षित यातायात को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीक आधारित वाहन चालन प्रशिक्षण की सुविधा उन क्षेत्रों में भी उपलब्ध करायी जायेगी, जहां वर्तमान में पर्याप्त प्रशिक्षण केंद्र नहीं हैं.
Posted by: Thakur Shaktilochan