बिहार में NDA की नई सरकार गिराने की रची गई थी साजिश, EOU ने किया खुलासा, अब ED की एंट्री

Bihar News: नीतीश कुमार की अगुवाई वाली NDA की नई सरकार को गिराने की साजिश रची गई थी. इसके लिए विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दिन को चुना गया था. ताकि नीतीश सरकार अपना विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए. यह बात आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की जांच में सामने आई है.

By Abhinandan Pandey | October 8, 2024 8:21 AM

Bihar News: नीतीश कुमार की अगुवाई वाली NDA की नई सरकार को गिराने की साजिश रची गई थी. इसके लिए विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दिन को चुना गया था. ताकि नीतीश सरकार अपना विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए. यह बात आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की जांच में सामने आई है. EOU की जांच में हॉर्स ट्रेडिंग के लिए रुपयों के लेन-देन के सबूत मिले हैं. इस बात को EOU के DIG मानवजीत सिंह ढिल्लो ने स्वीकार किया है.

जांच एजेंसी के अनुसार, फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में रह रहे लोगों के माध्यम से NDA के कई विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई थी. इस बात के भी सबूत मिले हैं कि कुछ विधायकों ने एडवांस के रूप में कुछ रुपए भी लिए थे. सरकार गिरने के बाद बाकी रुपए इन्हें हवाला के जरिए दिया जाना था. यह दूसरे राज्यों के लोगों के माध्यम से दिया जाता.

इस मामले में अब ED की एंट्री हो गई है

हॉर्स ट्रेडिंग के इस मामले में नया अपडेट यह है कि इसमें ED की एंट्री हो गई है. दरअसल, इस पूरे प्रकरण में जिस तरह के फाइनेंशियल ट्रेड सामने आए है. वो सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दिखाई दे रहा है. इसके बाद EOU ने ED को इस बारे में एक लेटर भेजा था. इसके बाद से ED की टीम इस मामले की जांच में जुट गई है. केंद्रीय एजेंसी अब इस मामले में अपने स्तर से सबूत जुटा रही है. वहीं आपराधिक मामले की जांच EOU कर रही है. अब तक कई लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं.

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मधुबनी के जदयू विधायक ने दर्ज कराई थी FIR

मधुबनी के हरलाखी से JDU के विधायक सुधांशु शेखर ने पटना के कोतवाली थाने में इसी साल 11 फरवरी को दो विधायक को किडनैप कर 10 करोड़ रुपए का प्रलोभन देने को लेकर FIR दर्ज कराई थी. आवेदन में उन्होंने लिखा था कि बीमा भारती और दिलीप राय का अपहरण कुछ लोगों ने किया है.

सरकार गिराने के लिए विपक्ष साजिश रच रहा है. इस केस के सामने आने के बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम एक्टिव हो गई थी. शुरुआती जांच में मामले की गंभीरता को राज्य पुलिस की इस जांच एजेंसी ने समझ लिया. इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई ने टेक ओवर किया और अपनी जांच शुरू कर दी.

शपथ ग्रहण और फ्लोर टेस्ट के बीच 14 दिनों का मिला था समय

महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद 28 जनवरी को एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण हुआ. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने, वहीं दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने शपथ ली थी. लेकिन, नीतीश कुमार की अगुआई में बनी एनडीए की नई सरकार को 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना था.

कांग्रेस के विधायक हैदराबाद में ठहरे थे

फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को हैदराबाद भेज दिया था. कांग्रेस को फ्लोर टेस्ट से पहले हॉर्स ट्रेडिंग (खरीद-फरोख्त) का डर था. इस वजह से सभी विधायकों को हैदराबाद के एक होटल में ठहराया गया था. हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह का कहना था कि तेलंगाना में नई सरकार बनी है. सभी विधायक उन्हें बधाई देने गए हैं.

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