Bihar News: पटना. बिहार में औद्योगिक माहौल लगातार बेहतर हो रहा है. बिहार के कारोबारियों में बैंक का विश्वास मजबूत हो रहा है. खासकर लघु एवं मध्यम उद्योग के प्रति बैंकों का नजरिया बदला है. बिहार में छोटे व्यापारियों को व्यापार बढ़ाने के लिए लगातार लोन दिया जा रहा है. एक्सपेरियन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में छोटे व्यवसायों को लोन देने में 118% की वृद्धि हुई है. बिहार का साख-जमा अनुपात भी सुधरा है. बिहार में यह अनुपात 58.71 प्रतिशत दर्ज की गयी है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह 55.64 प्रतिशत था. यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 3.07 प्रतिशत अधिक है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य का साख-जमा अनुपात 52.96 प्रतिशत रहा था.
वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा बिहार
इस संबंध में एक्सपेरियन इंडिया के कंट्री मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष जैन ने कहा कि फिनटेक आधारित समाधानों के माध्यम से बिहार वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है. फिनटेक कंपनियां उन लोगों को क्रेडिट उपलब्ध कराती हैं, जिन्हें जरूरत होती है. बिहार में 1 लाख तक के लोन में 24% की बढ़ोतरी हुई है. 47% लोगों ने 10 लाख तक के व्यापार लोन लिये हैं. रिपोर्ट के मुताबिक फिनटेक कंपनियों ने मार्च 2024 तक देश में 248006 करोड़ के व्यक्तिगत ऋण और 28607 करोड़ के व्यावसायिक ऋण दिए हैं. बिहार जैसे राज्य में विकास का इंजन छोटे कारोबारियों के हाथ ही है, ऐसे में एक्सपेरियन इंडिया की ताजा रिपोर्ट बताती है कि बिहार का विकास दर आनेवाले समय में बेहतर रहनेवाला है.
साख-जमा अनुपात भी सुधरा, आंकड़ा पहुंचा 58.71 प्रतिशत
बिहार के बैंकों में साख-जमा अनुपात (सीडी रेशियो) को लेकर अररिया जिला अव्वल स्थान पर है, जबकि मुंगेर सबसे निचले पायदान पर है. राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की रिपोर्ट के अनुसार, सीडीआर को लेकर सभी 38 जिलों की स्थिति भिन्न-भिन्न है. पहले शीर्ष पांच जिलों में अररिया के बाद दूसरे स्थान पर पूर्वी चंपारण, तीसरे स्थान पर वैशाली, कटिहार व किशनगंज, चौथे स्थान पर पश्चिम चंपारण तथा पांचवें स्थान पर मधेपुरा है, जबकि, सबसे कम सीडी रेशियो वाले जिलों में पहले स्थान पर मुंगेर, दूसरे पर भोजपुर, तीसरे पर जहानाबाद, चौथे पर लखीसराय एवं पांचवें स्थान पर गोपालगंज और पटना हैं.
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