सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप लिखने वालों पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. अब सांसद, विधायक, मंत्री इत्यादि के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी करना महंगा पड़ सकता है. ऐसा करने वालों पर प्रतिष्ठा हनन या छवि धूमिल करने का आरोप अब लगाया जाएगा. जिसमें आईटी एक्ट की धाराओं के तहत अब मामला दर्ज होगा और मामले की जांच की जाएगी. वहीं इन सभी के अलावा अब अधिकारियों, कर्मचारियों या किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ भी अभद्र भाषा व गलत टिप्पणी करने पर यह कार्रवाई की जाएगी.
सोशल मीडिया पर अक्सर नेताओं और अधिकारियों पर गलत टिप्पणी किए जाते हैं. जिसपर लगाम लगाने की अब तैयारी की जा रही है. अब सरकार की नीतियों को लेकर भ्रामक टिप्पणी या दुष्प्रचार करने वालों को भी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा.
दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई ने राज्य सरकार के सभी विभागों के प्रधान सचिव को ऐसे पोस्टों की शिकायत करने को कहा है. इओयू ने पत्र जारी कर कहा है कि ऐसे पोस्ट की सूचना दी जाए जिससे व्यक्ति, संस्थान या सरकार की प्रतिष्ठा का हनन हुआ है. अगर किसी पोस्ट से किसी की छवि धूमिल होती है, तो इसे कानून के दायरे में अब लाया जाएगा. आपत्तिजनक, भ्रामक और अभद्र टिप्पणी को दंड की श्रेणी में रखा गया है.
इओयू के एडीजी ने सभी विभागों को लिखे इस पत्र में कहा है कि अगर उनके विभाग के किसी कर्मचारी या अधिकारी के खिलाफ ऐसा पोस्ट सामने आता है तो उसकी जानकारी दी जाए. ताकि उसपर कार्रवाई की जा सके. इसे सोशल मीडिया का दुरुपयोग मानते हुए जांच के दायरे से गुजारा जाएगा. और पोस्ट डालने वाले के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए राज्य में इओयू के रूप में नोडल एजेंसी बनाई गई है. वह साइबर क्राइम से जुड़े मामलों में पुलिस को मदद देती है व जांच में सहयोग करती है. सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक, अभद्र व भ्रामक पोस्ट करना अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
Posted By :Thakur Shaktilochan