Bihar News: पटना. बिहार में सरकारी अस्पतालों की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है. केंद्र सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों से भी यह बात साबित हो रही है. सितंबर माह के आंकड़े बताते हैं कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को नि:शुल्क दवा देने में बिहार पूरे देश में सबसे आगे है. इस मामले में 77.22 फीसदी अंक के साथ बिहार पूरे देश में अव्वल रहा. 76.91 फीसदी अंक के साथ राजस्थान दूसरे और 69.14 प्रतिशत स्कोर के साथ तेलंगाना तीसरे स्थान पर है.
सितंबर की मासिक रैंकिंग में 24 राज्य शामिल
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने की ओर जारी सितंबर की मासिक रैंकिंग में देश के 24 राज्यों को शामिल किया गया है. इनमें ड्रग एंड वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (डीवीडीएमएस) संचालित हैं. इसके माध्यम से अस्पतालों में दवा की उपलब्धता का प्रबंधन होता है. दवा स्टॉक से लेकर वितरण तक 11 मापदंडों पर बिहार देश में अव्वल रहा है.
राज्यों को अंक
- बिहार 77.20%
- राजस्थान 76.91%
- तेलंगाना 69.14%
- पंजाब 64.18%
- पश्चिम बंगाल 61.06%
- मध्य प्रदेश 57.74%
- उत्तर प्रदेश 56.95%
- आंध्र प्रदेश 56.92%
- असम 56.68%
- अरूणाचल प्रदेश 55.08%
दवाओं की सूची में अभी 611 दवाएं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2005 में अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की शुरुआत की थी. 2006 में बिहार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अपनाया. इसके तहत मुफ्त दवा वितरण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), जिला अस्पतालों और उप केंद्रों पर शुरू की गई थी. 2011 में केंद्र सरकार की सिफारिश के बाद बिहार ने सरकारी अस्पतालों में अधिक दवा मुफ्त वितरण की योजना शुरू की. बिहार में आवश्यक दवाओं की सूची में अभी 611 दवाएं शामिल हैं.
दैनिक टोकन जेनरेशन में बिहार को प्रथम स्थान
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत स्कैन एंडएं शेयर में मासिक और दैनिक टोकन जेनरेशन में बिहार को देशभर में प्रथम स्थान मिला है. सितंबर में स्कैन एंड शेयर में 23.37 लाख के स्कैन और शेयर के साथ बिहार प्रथम है. 11.84 लाख के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे और 8.75 लाख के साथ आंध्रप्रदेश तीसरे स्थान पर है.