बिहार के सभी अदालतों में अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी सुनवाई, सरकार ने नियमावली बनाकर जारी किया गजट
राज्य में कोरोना संक्रमण ने अदालती कार्यवाही के स्वरूप को भी बदल दिया है. अब राज्य के सभी कोर्ट में पेशी, गवाही, सुनवाई से फैसला तक की पूरी प्रक्रिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से होगी. इस प्रक्रिया में कोर्ट के साथ राज्य के सभी जेल भी जुड़ेंगे. वीसी के माध्यम से होने वाली पूरी कानूनी प्रक्रिया को वैद्यता प्रदान करते हुए राज्य सरकार ने इसकी पूरी नियमावली भी तैयार कर दी है और विधि विभाग ने इससे संबंधित गजट भी प्रकाशित कर दिया है.
कौशिक रंजन, पटना: राज्य में कोरोना संक्रमण ने अदालती कार्यवाही के स्वरूप को भी बदल दिया है. अब राज्य के सभी कोर्ट में पेशी, गवाही, सुनवाई से फैसला तक की पूरी प्रक्रिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से होगी. इस प्रक्रिया में कोर्ट के साथ राज्य के सभी जेल भी जुड़ेंगे. वीसी के माध्यम से होने वाली पूरी कानूनी प्रक्रिया को वैद्यता प्रदान करते हुए राज्य सरकार ने इसकी पूरी नियमावली भी तैयार कर दी है और विधि विभाग ने इससे संबंधित गजट भी प्रकाशित कर दिया है.
यह पहली बार है, जब पूरी न्यायालय प्रक्रिया की ऑनलाइन व्यवस्था करने से संबंधित व्यापक पहल बिहार में की गयी है. अब राज्य के सभी 38 जिला न्यायालय, 77 अनुमंडलीय कोर्ट, 38 अनुमंडलीय सदर कोर्ट के अलावा सभी तरह के विशेष न्यायालयों में पूरी कानूनी प्रक्रिया वीसी के माध्यम से होगी. फिलहाल कोरोना काल में यह व्यवस्था हाइकोर्ट के अलावा निचले स्तर के कुछ न्यायालयों में ट्रायल के स्तर पर शुरू की गयी है. लेकिन, अब इस ट्रायल को पूरी तरह से अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है.
इसी तरह से राज्य के सभी जेलों को भी जल्द ही ऑनलाइन प्रणाली से आपस में और संबंधित कोर्ट से जोड़ दिया जायेगा. सभी जेलों में वीसी की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए बेल्ट्रॉन के स्तर से प्रक्रिया चल रही है. एक बार टेंडर हुआ था, लेकिन किसी कारण से यह आगे नहीं बढ़ सका. अब फिर से इसके लिए टेंडर किया गया है. जल्द ही जेलों में वीसी से संबंधित तमाम संसाधन इंस्टॉल करने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.
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इस नयी वीसी प्रणाली के माध्यम से सभी कोर्ट आपस में जुड़ जायेंगे. जेल के अंदर से ही कैदियों की पेशी होगी. बहस, गवाही, सुनवाई की तमाम प्रक्रिया वीसी के माध्यम से हो सकेगी. इसके अलावा जो जहां है, वहीं से मोबाइल के माध्यम से भी पूरी कोर्ट प्रक्रिया से जुड़ सकता है. अगर कोई आने में असमर्थ है, तो इसके लिए कोर्ट को किसी को विशेष तौर पर संबंधित व्यक्ति या गवाह के पास भेजकर बयान दर्ज कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जहां भी जो जिस अवस्था में है, वहीं से उसकी गवाही या पेशी भी हो सकेगी.
Posted By: Thakur Shaktilochan