Bihar News: पटना. बिहार के जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ पर्यावरण और पारिस्थितिकी पर एक गंभीर चर्चा हुई. बैठक में पद्मश्री एवं पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित डॉ. अनिल प्रकाश जोशी (उत्तराखंड) और पर्यावरण कार्यकर्ता पंकज मालवीय मौजूद थे. इन लोगों ने मंत्री जी के समक्ष कुछ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रमुख मुद्दे रखे.
डॉ. जोशी ने मंत्री जी से अनुरोध किया कि बिहार पिछले एक दशक से हवा, मिट्टी, जंगल और पानी के संरक्षण के लिए गंभीरता से कार्य कर रहा है, लेकिन अभी तक ठोस आंकड़े पेश नहीं कर पाया है, इससे यह स्पष्ट करना मुश्किल हो जाता है कि सरकारी स्तर पर या मंत्रालय द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र को सुधारने के लिए क्या योगदान दिया जा रहा है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जिस प्रकार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का मूल्यांकन किया जाता है, उसी तरह सकल पर्यावरण उत्पाद (जीईपी) का भी आकलन किया जा सकता है, जिसमें जंगल, हवा, मिट्टी, और पानी को प्रमुख मानकों के रूप में लिया जाए.
जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस विचार पर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार को भी शायद अब इसकी आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के तहत, पानी और उससे जुड़े विभिन्न विभागों के साथ मिलकर राज्य की पर्यावरणीय स्थिति को सुधारने का प्रयास किया गया है. उन्होंने नदियों के महत्व पर भी जोर दिया, यह कहते हुए कि नदियों की निर्मलता के साथ उनकी अविरलता पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि नदियां अपने आप को साफ रखने की क्षमता रखती हैं.
इस क्रम में पंकज मालवीय ने मंत्री जी के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि राज्य वर्तमान प्रयासों के कारण एक बेहतर पारिस्थितिकी की दिशा में आगे बढ़ रहा है, विशेष रूप से जल जीवन हरियाली मिशन के तहत सरकारी प्रयासों से. उन्होंने कहा कि यदि सकल पर्यावरण उत्पाद की कल्पना की जाए, तो बिहार अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर स्थिति में होगा, क्योंकि यहां लंबे समय से निरंतर कार्य किया गया है. मंत्री जी ने आश्वासन दिया कि इस विषय पर शीघ्र ही एक बैठक आयोजित की जाएगी और सभी संबंधित स्टेकहोल्डर्स को आमंत्रित किया जाएगा, जिसमें सरकारी विभाग शामिल होंगे, ताकि इस दिशा में आगे की योजना बनाई जा सके.