Bihar News: बिहार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को उम्रकैद की सजा दी है. आज 16 अक्टूबर को मुन्ना शुक्ला सहित मंटू तिवारी ने पटना के एमपी एमएलए कोर्ट में अपने आप को आत्म समर्पण कर दिया. जिला कोर्ट में सरेंडर करने से पहले उन्होंने अपने पैतृक गांव में मीटिंग की, जिसमें उनके चाहने वाले लोग शामिल हुए थे. मुन्ना शुक्ला को यह सजा 26 साल पुराने बृज बिहारी हत्याकांड मामले में मिली है.
आजीवन कारावास की सजा
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 1998 के बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में आत्मसमर्पण के लिए समय मांगने वाली बिहार के पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला की याचिका खारिज कर दी थी. 3 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला और एक अन्य आरोपी को 1998 में पूर्व मंत्री बृज बिहारी की हत्या के सिलसिले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, जबकि छह अन्य को बरी कर दिया. मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को अपनी-अपनी सजा की शेष अवधि काटने के लिए 15 दिनों के भीतर संबंधित जेल अधिकारियों, अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने को कहा गया था, जबकि पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और छह अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है.
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जानें पूरा मामला
बता दें कि 13 जून 1998 को बृज बिहारी प्रसाद और उनके बॉडीगार्ड लक्ष्यमेश्वर साह की हत्या पटना के आईजीआईएमएस परिसर में कर दी गई थी. इसमें सूरजभान सिंह, मुन्ना शुक्ला, मंटू तिवारी, राजन तिवारी समेत छह लोगों को पटना जिला कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. वहीं पटना हाईकोर्ट ने सभी की सजा को खत्म कर दिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी. जिसमें मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को फिर से सजा हुई.