Bihar News: बिहार में अब सभी शिक्षकों के हस्ताक्षर से जारी होगी एमडीएम की रिपोर्ट, प्रमाणपत्र में लिखनी होगी ये बातें

Bihar News: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने इस आशय का एक आधिकारिक पत्र सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भेजा है. इसमें साफ कर दिया है कि अब सभी शिक्षकों के हस्ताक्षर से एमडीएम की रिपोर्ट जारी होगी.

By Radheshyam Kushwaha | February 6, 2025 6:05 AM

Bihar News: बिहार के सरकारी स्कूलों (कक्षा एक से आठ में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) बंटने का अब रोजाना प्रतिवेदन अनिवार्य रूप में तैयार किया जायेगा. प्रतिवेदन प्रमाण पत्र पर न केवल प्रधानाध्यापक /प्रधान शिक्षक को, बल्कि स्कूल में उपस्थित प्रत्येक शिक्षक को हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा. अगर प्रपत्र पर ‘कोई हस्ताक्षर नहीं करता है तो उसे उस दिन अनुपस्थित माना जायेगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने इस आशय का एक आधिकारिक पत्र सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भेजा है. इसमें साफ कर दिया है कि प्रतिवेदन गलत पाये जाने पर सहमति व्यक्त करने वाले सभी शिक्षकों पर कार्रवाई की जायेगी. अपर मुख्य सचिव सिद्धार्थ ने दो टूक कहा कि मध्याह्न भोजन वितरण के लिए यही प्रपत्र मान्य होगा.

कोई शिक्षक असहमत है तो असहमति का कारण भी संबंधित प्रमाणपत्र में लिखना होगा

पत्र में कहा है कि इस कदम का मसकद माध्याह्न भोजन योजना में फर्जी उपस्थिति रोकने और भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है. जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा गया है कि जिन स्कूलों में स्वयंसेवी संस्थाएं मध्याह्न भोजन वितरण करती हैं, उनका भुगतान स्कूलों में रोजाना तैयार किये जाने वाले प्रपत्र प्रमाणपत्र के आधार पर हर महीने के अंत में ही किया जायेगा. संबंधित प्रपत्र संरक्षित कर रखा जायेगा. यदि प्रमाणपत्र की प्रति सभी विद्यालयों में तिथिवार किसी तिथि को संचालित माध्याह्न भोजन की गुणवत्ता, मात्रा या बच्चों की संख्या से कोई शिक्षक असहमत है तो वह अपनी असहमति का कारण भी संबंधित प्रमाणपत्र में लिखना होगा.

एक करोड़ बच्चे मध्याह्न भोजन के दायरे में

प्रपत्र में कक्षा एक से आठवीं तक अलग-अलग मध्याह्न भोजन करने वाले बच्चों की संख्या, प्रत्येक शुक्रवार को अंडा और मौसमी फल खाने वाले बच्चों की संख्या दर्ज की जायेगी. प्रपत्र में विद्यालय में उपस्थित शिक्षकों की संख्या के हस्ताक्षर के लिए भी जगह होगी. साथ ही प्रपत्र में असहमति जताने वाले शिक्षक को कारण बताने के लिए जगह भी तय की गयी है. बता दें कि राज्य में करीब एक करोड़ से अधिक बच्चे मध्याह्न भोजन योजना के दायरे में आते हैं.

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