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खुशखबरी: एकेयू में शुरू होगी एस्ट्रोनॉमी की पढ़ाई, स्टूडेंट्स बना सकेंगे यहां करियर

Bihar News: राजधानी पटना के विभिन्न स्कूल, कॉलेजों सहित श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में शुक्रवार को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाया गया.

Bihar News: राजधानी पटना के विभिन्न स्कूल, कॉलेजों सहित श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में शुक्रवार को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाया गया. पहले ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के अवसर कहीं प्रतियोगिता आयोजित की गयी, तो कहीं बच्चों और स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स को अंतरिक्ष व इसरो से संबंधित ज्ञानवर्धक फिल्में दिखयी गयीं.

मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिथियों व शिक्षकों ने कहा भारत पिछले वर्ष 23 अगस्त को चांद पर उतरने वाला दुनिया का चौथा देश और इसके दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला पहला देश बना था. इस ऐतिहासिक उपलब्धि की याद में पीएम नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी.

साथ ही उन समर्पित वैज्ञानिकों की सराहना की, जिन्होंने कम संसाधनों का उपयोग कर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में शुमार किया. इस दौरान छात्र-छात्राओं को स्पेस साइंटिस्ट बनने को प्रेरित किया गया

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आर्यभट्ट की खगोलीय ज्ञान को भारत आगे बढ़ा रहा है

आर्यभट्ट की खगोलीय ज्ञान परंपरा को भारत आगे बढ़ा रहा है. आज भारत की पहुंच चांद के उस हिस्से तक है जहां दुनिया नहीं पहुंच पायी है. ये बातें शुक्रवार को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय व सर्वे ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में एसजेएमसी विभाग में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विवि के कुलपति प्रो शरद कुमार यादव ने कही. उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय आर्यभट्ट की खगोलीय और गणितीय ज्ञान के विस्तार में योगदान देते हुए पारंपरिक ज्ञान के क्षेत्रों से परे भविष्योन्मुखी विषयों की दिशा में कार्य कर रहा है.

साथ ही, बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विवि सर्वे आफ इंडिया जैसे कई बड़े संस्थान के साथ मिलकर काम कर रहा है. वहीं, सर्वे आफ इंडिया के झारखंड एवं बिहार भू-स्थानिक निदेशालय के निदेशक रविंद्र कुमार ने चंद्रयान मिशन व नेशनल स्पेस डे के महत्व को बताते हुए सर्वे आफ इंडिया की उपलब्धियां को गिनाया. कार्यक्रम में अभिषेक कुमार, आरडी शाह, कुलसचिव रामजी सिंह, डॉ मनीषा प्रकाश, डॉ मनीष पराशर आदि ने भी व्याख्यान दिया.


अगले साल से एकेयू में स्कूल ऑफ एस्ट्रोनॉट की पढ़ाई होगी: कार्यक्रम में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय तथा सर्वे ऑफ इंडिया के बीच समझौता हुआ. जिसके तहत विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ एस्ट्रोनॉमी की स्थापना की जायेगी. अगले वर्ष से बच्चे पढ़ाई भी शुरू हो जायेगी. इसमें सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा हर संभव सहयोग करेगा इसका भी आश्वासन दिया गया.

इंपैक्ट के छात्रों के नाम रहा प्रतियोगिता का तीनों कप 


कार्यक्रम में अंतरिक्ष विज्ञान, आर्यभट्ट व खगोलशास्त्र पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें संत जेवियर कॉलेज, एकेयू व इंपैक्ट कॉलेज के करीब 80 बच्चों ने भाग लिया. पांच मिनट में 50 सवालों का जवाब देते हुए इम्पैक्ट कॉलेज के विद्यार्थी निशांत कुमार ने प्रथम, शेख अजमल ने द्वितीय व निखिल सिंह ने तृतीय पुरस्कार जीता. जबकि, दस को सांत्वना पुरस्कार दिया गया. कार्यक्रम का संचालन स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के डॉ संदीप कुमार दुबे ने किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ मनीष पराशर ने की. मौके पर केके खरवार, मृत्युंजय कुमार, राजकुमार, आकाश रंजन सिंह समेत अन्य मौजूद रहे.



मैं मनेर के गंगहरा गांव का रहने वाला हूं. मुझे एक अच्छा पत्रकार बनना है और बिहार की छवि को मजबूत करते हुए सही समाज के निर्माण में योगदान देना है. अभी पटना में रहकर पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहा हूं. प्रतियोगिता में सबसे तेज व सही जवाब देते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया. मुझे 49 अंक मिले. मैं माइनिंग इंजीनियरिंग करके चार साल नौकरी भी कर चुका हूं.

विशेष चलचित्र शो में बच्चों ने समझी इसरो की यात्रा 

श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में शुक्रवार को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया. इस अवसर पर विज्ञान व्याख्यान में इसरो अहमदाबाद के सेवानिवृत्त असिस्टेंट इंजीनियर नागिन प्रजापति ने बच्चों को इसरो के आने वाले सभी अंतरिक्ष से जुड़े अभियान जैसे-गगनयान आदि के बारे में बताया.

इसके अलावे बच्चों द्वारा पूछे गये सवाल पर अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने, स्वास्थ्य पर अंतरिक्ष में प्रभाव पड़ने आदि के बारे में भी बताया. इसके बाद ‘इसरो का विकास’ पर विशेष चलचित्र शो दिखाया गया. इसके माध्यम से बच्चों ने इसरो के प्रारंभिक दौर से वर्तमान दौर की पूरी यात्रा से अवगत हुए.

शो में दिखाया गया कि कैसे इसरो प्रारंभिक कृत्रिम उपग्रहों को बनाया और समय के साथ-साथ कैसे तकनीक की मदद से उपकरणों को बेहतर बनाया. वहीं, ड्रोन फ्लाइंग प्रतियोगिता में अलग-अलग बाधाओं को पार करते हुए 5 मिनट के समय अंतराल में गंतव्य स्थान तक पहुंचकर जीते बच्चों को पुरस्कृत किया गया.

अंतरिक्ष पर बच्चों ने बनाया पोस्टर


भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग विषय पर केंद्र में आयोजित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने चार्ट पेपर पर चित्र बनाया व अपने विचारों को चित्र के माध्यम से अभिव्यक्त किया. साथ ही, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम एवं भविष्य विषय पर बच्चों ने चित्र बनाकर उसे निर्णायक मंडली के समक्ष प्रस्तुत किया. हर प्रतिभागी को इसके लिए 5 मिनट का समय दिया गया.

सीओ2 के ठोस रूप का किया कई प्रयोग

कार्यक्रम में शुष्क बर्फ के ऊपर एक विज्ञान प्रदर्शन का भी आयोजन किया गया. इसमें बच्चों ने कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) को ठोस रूप में देखा और उससे कई सारे प्रयोग किए. साथ ही, कार्बन डाइऑक्साइड की विभिन्न विशेषताओं का उल्लेख भी किया गया.

प्रतियोगिता के ये रहे विजेता

पोस्टर प्रस्तुति में मेधा और पोस्टर मेकिंग में रितिका फर्स्ट

– पोस्टर प्रस्तुति
प्रथम : मेधा भार्गव, 10वीं, लिटेरा वैली स्कूल
द्वितीय : स्नेहा कुमारी, 7वीं, संत कैरेंस हाइ स्कूल
तृतीय : दक्षा श्रीवास्तव, 10वीं, बिशप स्कॉट बॉयज स्कूल
– पोस्टर मेकिंग  
प्रथम : रितिका कुमारी, 7वीं, आदर्श विकास विद्यालय
द्वितीय : स्नेहा कुमारी, 7वीं, दिल्ली पब्लिक स्कूल
तृतीय : राज नंदिनी कुमारी, 7वीं, आदर्श
विकास विद्यालय

प्रतियोगिता के विजेताओं को किया गया सम्मानित


पटना वीमेंस कॉलेज में फिजिक्स विभाग की ओर से दो दिवसीय कार्यक्रम ‘कॉसमोस क्वेस्ट’ का आयोजन किया गया. दूसरे दिन शुक्रवार को डॉ रिक्षिका सांवरी ने छात्राओं को अंतरिक्ष कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने और भारत की अंतरिक्ष पहल को आगे बढ़ाने में योगदान देने को ले शपथ दिलायी.

इस प्रतियोगिता में फिजिक्स विभाग से अनन्या पांडे और कौशिकी कुमारी ने पहला स्थान, जूलॉजी विभाग से मेघा झा और शुभांगिनी को दूसरा स्थान हासिल किया. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग विभाग से प्रगति कुमारी और आयुषी सिंह ने तीसरा स्थान मिला. इसके बाद दोपहर एक बजे पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन एमवीइआइसी हॉल में किया गया. विजेताओं में पटना वीमेंस कॉलेज की छात्राओं के साथ गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, राजेंद्र नगर के छात्र मौजूद रहे.  

चंद्रयान मिशन की सफलता पर छात्राओं ने पेश किया प्रेजेंटेशन

श्री अरविंद महिला कॉलेज के भौतिकी विभाग की ओर से राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया. इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ मिन्नी सिन्हा ने छात्राओं को इस दिवस के महत्व को बताते हुए उन्हें चंद्रयान मिशन की सफलता से प्रेरित हो कर जीवन में कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने को कहा.

सीनियर छात्राओं ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा इस बार की थीम और चंद्रयान मिशन से जुड़ी जानकारी साझा की व जूनियर छात्राओं की जिज्ञासा को शांत किया. उन्होंने इसरो के द्वारा आयोजित कार्यक्रम का सजीव प्रसारण भी देखा. प्राचार्या प्रो साधना ठाकुर ने छात्राओं को जीवन में निरंतर परिश्रम और नवीनतम ज्ञान अर्जन का संदेश दिया. इस कार्यक्रम में गणित के प्रोफेसर डॉ अजय कुमार सिंह, जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ राकेश कुमार सिंह सहित 40 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया.

पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन व निबंध में विद्यार्थियों ने दिखायी प्रतिभा

पटना विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्र विभाग में स्पेस डे पर कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. इस अवसर पर स्नातक के विद्यार्थियों के लिए निबंध लेखन व पीजी के विद्यार्थियों के लिए पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन का आयोजन किया गया. इस दौरान विद्यार्थियों ने चंद्रयान के मैकेनिक्स और उसकी सफलता के बारे में जानकारी साझा की.

पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में प्रथम स्थान पर वंदना, द्वितीय स्थान पर विक्रम और तृतीय स्थान सौरभ ने कब्जा जमाया. जबकि निबंध लेखन में प्रथम स्थान पर अर्चित, द्वितीय स्थान कुंतल और तृतीय स्थान फैसल को ने अपनी जगह बनायी. इस अवसर पर विभाग के वरिष्ठ प्रध्यापक प्रो अतुल आदित्य पांडेय ने विद्यार्थियों को स्पेस में भू वैज्ञानिकों के अहम रोल के बारे में जानकारी दी. वहीं विभाग के अध्यक्ष प्रो अनिल कुमार ने विद्यार्थियों को स्पेस से जुड़े अनुसंधान में योगदान देने के लिए प्रेरित किया.

चंद्रयान की सफलता की बारीकियों से अवगत हुए स्टूडेंट्स

पटना साइंस कॉलेज के भौतिकी विभाग की ओर से शुक्रवार को प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विद्यार्थियों ने पोस्टर के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों की सतत उपलब्ध और तकनीकी विकास का दैनिक जीवन में महत्व को प्रस्तुत किया. इस अवसर पर आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया.

जिसकी अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो डीएन ठाकुर ने किया. मुख्य वक्ता के रूप में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के सहायक अध्यापक डॉ वागीश मिश्र ने चंद्रयान प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की. उन्होंने चंद्रयान की मैकेनिक्स और उसकी सफलता से भी विद्यार्थियों को अवगत कराया. कार्यक्रम के संयोजक भौतिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ शंकर कुमार, डॉ रोहित कुमार, डॉ संजय कुमार समेत सभी शिक्षक मौजूद रहे.

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