Bihar News: पीठासीन सम्मेलन में बोले ओम बिरला, सदन की गरिमा बनाये रखने के लिए राजनीतिक दलों की अंदरूनी आचार संहिता जरूरी

Bihar News: लोकसभा अध्यक्ष सोमवार को बिहार विधानसभा के सेंट्रल हॉल में 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया.

By Radheshyam Kushwaha | January 21, 2025 4:45 AM

Bihar News: पटना. करीब 43 साल बाद बिहार एक बार फिर देशभर के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का सोमवार को गवाह बना. लोकसभा के अध्यक्ष और राज्य सभा के उप सभापति साथ देश भर के विधानसभा अध्यक्षों की मौजूदगी में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के अंदर घट रही बैठकों की संख्या पर चिंता जताते हुए इस पर गंभीर चिंतन की आवश्यकता जतायी है. इसके साथ ही उन्होंने सदन के अंदर शब्दों की शुचिता व सदन की मर्यादा बनाये रखने के लिए राजनीतिक दलों को अपनी आदर्श आचार संहिता बनाने की सलाह दी है. लोकसभा अध्यक्ष सोमवार को बिहार विधानसभा के सेंट्रल हॉल में 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. पीठासीन सम्मेलन के 104 साल के इतिहास में बिहार तीसरी बार इस दो दिवसीय आयोजन की मेजबानी कर रहा है.

सभी राजनीतिक दलों के लोग शामिल

ओम बिरला ने कहा कि पीठासीन पदाधिकारी के तौर पर सभी राजनीतिक दलों के लोग शामिल हैं. पिछली बैठकों में हमने सदन में व्यवधान कम करने, वेल में आने, गरिमा-शुचिता बढ़ाने, माननीयों के अभिभाषण के दौरान गरिमा बरकरार रखने सहित कई मुद्दों पर गंभीर चर्चा की थी. इसके समाधान को लेकर आवश्यक है कि सभी दलों के अंदर आचार संहिता बनायी जाये. जनप्रतिनिधि जितना मर्यादापूर्ण आचरण करेंगे, उतनी सदन की गरिमा भी बढ़ेगी. उम्मीद है कि बिहार के इस ज्ञान की धरती से हम लोग इसका समाधान लेकर जायेंगे.

लोकसभा अध्यक्ष ने की संसदीय समितियों की भूमिका बढ़ाये जाने की वकालत

उद्घाटन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ने संसदीय समितियों की भूमिका बढ़ाये जाने की भी वकालत की. उन्होंने सभी विधानसभा अध्यक्षों से आग्रह किया कि वे अपने सदन की समितियों की भूमिका को और बेहतर करें. उनकी भूमिका जितनी बढ़ेगी, शासन में उतनी ही जवाबदेही आयेगी और जनता के धन का सदुपयोग और निगरानी हो सकेगी. उन्होंने कहा कि 1993-1994 की बैठक में भी इससे संबंधित विचार आया था. गंभीर प्रयास हुए तो इसके परिणाम भी दिखेंगे.

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2025 तक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ जायेंगे सभी सदन

श्री बिरला ने कहा कि अखिल भारतीय पीठासीन पदाधिकारियों के संगठन ने 2025 तक सभी राज्यों के सदन को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का संकल्प लिया है. इससे निश्चित रूप से पारदर्शिता आयेगी. वर्तमान में अधिकतर राज्यों की विधानसभाएं पेपरलेस हो चुकी हैं, जबकि कई विधानसभा में डिबेट का भी डिजिटलीकरण कर दिया गया है.

देश भर के विधानसभा अध्यक्ष व सभापति हुए शामिल

समारोह में राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, उप सभापति डॉ रामवचन राय और विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव सहित देश के विभिन्न राज्यों से आये विधानसभा अध्यक्ष व सभापति उपस्थित रहे. इस मौके पर एमएन काॅल और एसएल शंकधर द्वारा लिखित पुस्तक ”संसदीय पद्धति और प्रक्रिया का पांचवां चरण” का लोकार्पण लोकसभा अध्यक्ष ने किया. दो दिवसीय 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी के पहले दिन उद्घाटन सत्र के बाद पुराने विधानसभा भवन में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर ” संवैधानिक मूल्यों को सशक्त बनाये रखने में संसद एवं राज्य विधानमंडलों का योगदान ” विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. परिचर्चा में विभिन्न राज्यों की छह महिला समेत 54 पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया.

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