बिहार के नगर निकायों में सर्वेक्षित स्ट्रीट वेंडरों को स्मार्ट आइकाई के साथ अब विक्रय प्रमाण पत्र भी दिये जा रहे हैं. अब तक 34 हजार पांच सौ 61 वेंडरों को प्रमाण पत्र दिया जा चुका है. ऐसे वेंडर अब नगर निकायों में अधिकृत होंगे. अतिक्रमण हटाने के दौरान उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से लेकर बैंकों से लोन लेने तक विक्रय प्रमाण पत्र का उपयोग किया जा सकता है. अगले वर्ष मार्च तक एक लाख वेंडरों को विक्रय प्रमाण पत्र दिया जा सकेगा.
गौरतलब है कि नगर विकास व आवास विभाग के माध्यम से दीनदयाल उपाध्याय शहरी आजीविका मिशन के तहत वेंडरों के सर्वेक्षण का काम किया जा रहा है. अब तक एक लाख चार हजार तीन सौ 26 वेंडरों का सर्वेक्षण पूरा हुआ है. इसमें 46 हजार चार सौ 11 वेंडरों को क्यूआर कोर्ड वाला आइकार्ड भी दिया जा चुका है.
अब तक राज्य के विभिन्न नगर निकायों में 24 वेंडिंग जोन तैयार हो चुके हैं. वहीं दस और वेंडिंग जोन के लिए स्वीकृति की प्रक्रिया चल रही है. गौरतलब है कि नगर विकास व आवास विभाग के निर्देशन पर पटना नगर निगम बोरिंग रोड पर अधूरे वेंडिंग जोन को फिर से शुरू करने जा रहा है. इसके लिए पथ निर्माण विभाग से एनओसी आदि का काम पूरा कर लिया गया है.
पीएम स्वनिधि योजना के तहत राज्य में 19 हजार एक सौ 30 वेंडरों को चिह्नित किया गया है. इसमें अब तक पांच हजार 20 वेंडरों को लोन मिल चुका है. गौरतलब पीएम स्वनिधि योजना के तहत वेंडरों को दोबारा रोजगार खड़ा करने के लिए दस हजार रुपये का लोन दिया जा रहा है.
Posted by: Thakur Shaktilochan