Bihar News: पटना साहिब की निशा राज इन दिनों काफी चर्चा में हैं. वे कौन बनेगा करोड़पति सीजन-16 में बीते 23 अगस्त के एपिसोड में, होस्ट अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर थीं. इस गेम शो में उनकी भागीदारी ने न केवल उनकी काबिलियत को दर्शाया, बल्कि उन्होंने यह भी साबित किया कि यदि लगन हो तो हर ख्वाब पूरे होते हैं. गरीबी में भी उन्होंने खुद को निखारा और कामयाबी के इस शिखर तक जा पहुंचीं. उनका मानना है कि जीवन में सफलता हमेशा संघर्ष से पैदा होती है. निशा ने प्रभात खबर के साथ अपने घर के हालात, वित्तीय कठिनाइयों व केबीसी तक पहुंचने की जर्नी के बारे में बात की. पेश है निशा की उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
Q. अपनी पढ़ाई-लिखाई और पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बताएं.
पटना से मुंबई और फिर केबीसी में पहुंचने तक की जर्नी मेरे लिया आसान नहीं रही. मैं मूल रूप से पटना साहिब की रहने वाली हूं. मेरे परिवार में मैं, मम्मी-पापा और मेरा भाई है. मां हाउस वाइफ व पिता लोगों की घरों में पेंटिंग करते हैं. पैसे के कारण मैं बीएड नहीं कर पायी. फिर मैंने बीकॉम और फिर नर्सिंग कोर्स करने लगी, लेकिन अचानक तबीयत खराब होने की वजह से उसे पूरा नहीं कर सकी. मैं लोगों की सेवा करना चाहती हूं. इसलिए नर्सिंग को चुना. अब आगे इसी में अपना करियर बनाना है. केबीसी में जाना मेरे लिए एक सपना जैसा था. वहां से 1,60,000 रुपये की बोनस राशि जीत ही पायी हूं. पर मैंने अपनी मेहनत और लगन से हॉट सीट पर जगह बनाने में कामयाब रही. मैंने जितना सोचा था उतनी रकम तो नहीं जीत पायी, लेकिन मेरा सपना खत्म नहीं हुआ है. मैं अपनी नर्सिंग कोर्स को पूरा कर नौकरी पाना चाहती हूं और अपनी नौकरी के पैसे से अपने पिता के लिए घर खरीदना चाहती हूं. मेरा मेरा भाई दो बच्चों को ट्यूशन पढ़ता था, तो उसी की मदद से हमारे खाने-पीने की दिक्कत नहीं हुई.
Q. आप केबीसी के लिए कब से ट्राय कर रही थीं?
मुझे कौन बनेगा करोड़पति शो काफी पसंद है. जिसे मैं शुरुआत से ही देखती आ रही हूं. लेकिन, पिछले चार साल से इसका हिस्सा बनने की कोशिश कर रही हूं. मैंने अपने पिता को काफी अर्थ संघर्ष करते हुए देखा है. मुझे लगा कि यह एक ऐसा शो है, जिससे अपने पिता के लिए जल्द से जल्द कुछ कर सकती हूं और उनकी आर्थिक तंगी को दूर कर सकती हूं. इसके साथ ही बच्चन साहब से मिलने का भी एक सपना था. वैसे इस शो की वजह से मैं पहली बार पटना से बाहर जा पायी और मुंबई शहर को खुले आंखों से देख पायी हूं.
Q. फास्टेस्ट फिंगर राउंड आपके लिए कितना मुश्किल था?
फास्टेस्ट फिंगर राउंड से हॉट सीट का तक का सफर बहुत मुश्किलों भरा रहा. मैं आठवें नंबर पर चुनी गयी. उसी दौरान मेरे मन में बहुत कुछ चल रहा था. मुझे अपने घर का कंडीशन अच्छे से पता था. इस शो के जरिये अपने पापा व घर के लिए कुछ करना था, पर मेरा सिलेक्शन नहीं हो पा रहा था. मैं जब उनकी तरफ देखती थी, तो मेरा मुंह उतर जाता था. मेरे मन में यह भी चल रहा था कि अगर हॉट सीट तक नहीं पहुंची, तो लोग क्या कहेंगे. बिहार को रिप्रेजेंट करने गयी और कामयाब नहीं हुई तो और बुरा लगेगा. पर जब मैंने फास्टेस्ट फिंगर राउंड जीत लिया और अमिताभ सर ने जोर से मेरा नाम पुकारा, ‘निशा राज, पटना बिहार’! इस आवाज को सुनने के लिए मैं सालों से इंतजार कर रही थी. यह शब्द मैं कभी नहीं भूलूंगी.