Bihar News: पटना बनेगा गार्डन सिटी, हैदराबाद और बेंगलुरू के फूलों से महकेगी सड़कें
Bihar News: पटना पार्क प्रमंडल पूरे शहर को ग्रीन बेल्ट बनाएगा, जिसके तहत ग्रिल से घेराबंदी कर लैंड स्केपिंग कर पौधरोपण किए जाएंगे. इससे हवा में उड़नेवाले धूल के जमाव को रोकने और इसके प्रदूषण भार को कम करने में मदद मिलेगी.
Bihar News: पटना. बिहार की राजधानी पटना गार्डन सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. इससे न केवल शहर की आबोहवा सुधरेगी, बल्कि शहर की खूबसूरती भी बढ़ेगी. सरकार पटना के वीवीआईपी इलाके से लेकर व्यस्तम सड़कों के किनारे ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित करने जा रही है. पटना पार्क प्रमंडल पूरे शहर को ग्रीन बेल्ट बनाएगा, जिसके तहत ग्रिल से घेराबंदी कर लैंड स्केपिंग कर पौधरोपण किए जाएंगे. इससे हवा में उड़नेवाले धूल के जमाव को रोकने और इसके प्रदूषण भार को कम करने में मदद मिलेगी.
आठ वर्षों में पूरी होगी योजना
स्मार्ट सिटी के तहत पिछले साल से यह काम शुरू किया गया है. जैसे-जैसे जगहों की पहचान की जा रही है, काम को आगे बढ़ाया जा रहा है. इस साल आठ से दस जगहों को हरितपट्टी बनाया जाएगा. उसके लिए जगह चिह्नित कर लिए गए हैं. उसमें कुछ जगहों पर काम शुरू किए जा चुके हैं. बचे जगहों पर दुर्गा पूजा बाद काम शुरू होगा. सरकारी महकमा पार्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है. पटना शहर को हरित पट्टी में बदलनेके लिए पौधे हैदराबाद और बेंगलुरू से मंगाये जाते. सांग ऑफ इंडिया, अरेलिया, ब्लैक ग्रास, केन पाम, स्पाइडर लिली, एग्लोनिमा, रफीस पाम आदि दर्जनों तरह के पौधों से सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. पौधों के चयन में कुछ बातों का विशेष ख्याल रखा गया है.
फ्लाईओवर के नीचे लगाया जायेगा खास तरह का पौधा
विभागीय अधिकारियों ने योजना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि शहर के फ्लाईओवर के नीचे धूप कम आयेगी, इसलिए वैसे पौधों का चयन किया गया है, जो इनडोर पौधे हैं. ग्रीन बेल्ट के विकास से शहर के सौंदर्यीकरण के साथ ही साथ पर्यावरण का संरक्षण भी होगा. फिलहाल पटना में प्रदूषण की स्थिति ठीक नहीं है. यहां की आवोहवा स्वास्थ्य के लिहाज से उपयुक्त नहीं है. स्थिति में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के तहत यह पहल की जा रही है. इससे फ्लाईओवर के नीचे की तस्वीर भी बदल कर खूबसूरत हो जाएगी और धीरे-धीरे ये सेल्फी जोन के रूप में भी विकसित होगा. पटना पार्क प्रमंडल इसका रख रखाव भी बेहतरीन तरीके से कर रहा है. नियमित खाद-पानी के साथ कटाई-छंटाई समय पर किया जाता है.