पटना में ‘प्लास्टिक लाओ मास्क पाओ’ अभियान शुरू, चिप्स के खाली पैकेट या प्लास्टिक बोतल देने पर मिलेगा मास्क…
पटना: प्लास्टिक कचरा देकर मास्क प्राप्त करने का अभियान सोमवार से शुरू हुआ. नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने इसका उद्घाटन किया. निगम व यूएनडीपी के सहयोग से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु लोगों को प्रोत्साहित करने व उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्येश्य से प्लास्टिक लाओ मास्क पाओ अभियान की शुरुआत की गयी है.
पटना: प्लास्टिक कचरा देकर मास्क प्राप्त करने का अभियान सोमवार से शुरू हुआ. नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने इसका उद्घाटन किया. निगम व यूएनडीपी के सहयोग से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु लोगों को प्रोत्साहित करने व उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्येश्य से प्लास्टिक लाओ मास्क पाओ अभियान की शुरुआत की गयी है.
निगम मुख्यालय में काउंटर की व्यवस्था
मौर्या लोक परिसर के निगम मुख्यालय में काउंटर की व्यवस्था की गयी है. जहां लोग प्लास्टक के कचरे (चिप्स पैकेट, थैले, बोतल) आदि देकर बदले में मास्क प्राप्त सकते हैं. मौके पर यूएनडीपी के बिहार प्रतिनिधि अरविंद कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
इसके बदले मिलेगा मास्क
अभियान के तहत काउंटर पर प्रत्येक श्रेणी के प्लास्टिक कचरे की न्यूनतम संख्या/वजन एवं विनिमय दर तय की गयी है. इसके आधार पर मास्क दिया जायेगा. 20 चिप्स के पैकेट, 15 प्लास्टिक थैलियां, 10 प्लास्टिक बोतल, 20 टूथब्रश व 10 मिश्रित प्लास्टिक उत्पाद में कोई देने पर देने पर एक मास्क प्राप्त होगा. निगम की ओर से लगभग सात काउंटर की व्यवस्था की जा रही है. वहां लोग प्लास्टिक कचरा देकर ना सिर्फ मास्क प्राप्त कर सकेंगे बल्कि पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे.
Also Read: Coronavirus In Bihar : बिहार में इन कारणों से फिर गहरा सकता है कोरोना का संकट, सीएम नीतीश ने दिए सतर्क रहने के संदेश…
प्लास्टिक कचरे का निष्पादन
यूएनडीपी के प्रतिनिधि ने कहा कि अभियान के तहत जमा प्लास्टिक कचरे का गर्दनीबाग स्थित स्वच्छता केंद्र में प्रोसेसिंग कर शीट अथवा गत्ते में तब्दील किया जाता है. प्लास्टिक शीट व गत्ते को रिसाइक्लिंग प्लांट्स भेजा जाता है. ताकि वे पुन: इस्तेमाल में लाया जा सके. स्वच्छता केंद्र में प्रतिदिन एक टन प्लास्टिक कचरे का निपटारा किया जाता है. निगम द्वारा सभी छह अंचलों में विशेषज्ञों द्वारा लोगों को डोर-टू-डोर जाकर गीला कचरा, सूखा कचरा, सैनिटरी कचरा व घरेलू खतरनाक कचरों को अलग-अलग डब्बों में जमा करने के तरीके एवं महत्व से अवगत कराया जा रहा है. इसमें यूएनडपी, यूएनएफपीए व आगा खान फाउंडेशन द्वारा इस अभियान में सहयोग किया जा रहा है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya