पीएमसीएच में 2008 से 2010 के बीच दवा, रसायन, औजार, उपकरण समेत अन्य सामान की खरीद में बड़े स्तर पर घोटाला हुआ था. इस मामले में इडी ने छह नवंबर को तीन डॉक्टर और दो सप्लायरों की करीब सवा तीन करोड़ की अवैध संपत्ति को जब्त किया था. मामले की जांच अभी इडी के स्तर पर जारी है. इसमें अभी 10 से अधिक ऐसे अभियुक्त हैं, जिनकी संपत्ति भी जल्द ही जब्त होने जा रही है.
इस मामले में 15 अभियुक्त बनाये गये थे, जिनमें पांच की संपत्ति जब्त की गयी है. शेष 10 अभियुक्तों के अलावा भी इनसे जुड़े कुछ अन्य लोग भी हैं, जो इडी की जांच की जद में आ सकते हैं और पीएमएलए के तहत उनकी संपत्ति जब्ती की भी कार्रवाई की जा सकती है.
इस मामले की शुरुआती जांच निगरानी ने की थी और 15 लोगों को अभियुक्त बनाते हुए चार्जशीट दायर की थी. बाद में 2016-17 में इस मामले को पीएमएलए के तहत कार्रवाई करने के लिए इडी को ट्रांसफर किया गया.
Also Read: बिहार में 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 495 केस, COVID-19 से बचाव में संजीवन App मददगार
1.पीएमसीएच के तत्कालीन अधीक्षक डॉ ओपी चौधरी
2. तत्कालीन उपाधीक्षक डॉ बिनोद कुमार सिंह
3.मेडिसिन विभाग के तत्कालीन विभागाध्यक्ष डॉ गणेश प्रसाद सिंह
4. सप्लायर अमित धनधानिया
5.सप्लायर बिमल डालमिया
जिन 10 अभियुक्तों की संपत्ति भी जब्त हो सकती है, उनमें तीन तत्कालीन औषधि निरीक्षक अशोक कुमार यादव, संगीता कुमारी समेत एक अन्य के अलावा पीएमसीएच के कुछ अन्य कर्मचारी और बिहार मेडिकल सर्विस एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड के कई अधिकारी और कर्मी शामिल हैं.