पूर्णिया यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति की बढ़ीं मुश्किलें, आरएन यादव पर इस मामले में होगी निगरानी जांच

Bihar news: इस संदर्भ में बिहार निगरानी अन्वेशन ब्यूरो के महानिदेशक को सौंपे आवेदन में आउटसोर्सिंग में घोटाला करने,पूर्ण पेंशन प्राप्त करने के बाद भी पूर्ण वेतन लेने के साथ कई भत्ता के नाम पर राशि का गबन करने के साथ प्रशासनिक अराजकता उत्पन्न करने का आरोप लगाया गया है.

By Ashish Jha | September 22, 2024 2:14 PM

Bihar news: पटना. पूर्णिया यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो राजनाथ यादव की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं. उनपर सरकारी कोष के गबन का आरोप है. इस मामले में शिक्षा विभाग ने राज्यपाल सचिवालय को पत्र लिखकर जांच करने का निर्देश दिया है. मिथिला सेवा आश्रम के अध्यक्ष की ओर से लगा गये आरोप के बाद निगरानी विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी डेजी ईरानी ने राज्यपाल सचिवालय के प्रधान सचिव को पत्र जारी कर कार्रवाई को लेकर निर्देशित किया है.

निगरानी ब्यूरो से जांच की मांग

मिथिला सेवा आश्रम अयोध्यागंज बाजार कुर्सेला जिला कटिहार के अध्यक्ष विनोद राज झा ने पूर्णिया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राज नाथ यादव द्वारा सरकारी कोष का गबन एवं प्रशासनिक अराजकता के जांच की मांग करने के लिए महानिदेशक बिहार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को आवेदन दिया गया है. इस संदर्भ में बिहार निगरानी अन्वेशन ब्यूरो के महानिदेशक को सौंपे आवेदन में आउटसोर्सिंग में घोटाला करने,पूर्ण पेंशन प्राप्त करने के बाद भी पूर्ण वेतन लेने के साथ कई भत्ता के नाम पर राशि का गबन करने के साथ प्रशासनिक अराजकता उत्पन्न करने का आरोप लगाया गया है.

सभी आरोप निराधार होगा साबित

विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में संचित राशि को मनमानी ढंग से नियम परिनियम को ताक पर रखकर खर्च करने आदि आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए पूर्व कुलपति प्रो राजनाथ यादव ने कहा है कि लगाये गये सभी आरोप निराधार हैं. किसी के द्वारा बहला फुसला कर झूठा आरोप लगाने का प्रयास किया जा रहा है, जो गलत और भ्रमक है. उन्होंने कहा है कि हर प्रकार की जांच के लिए वे तैयार हैं. उन्होंने विश्वास जताया है कि जांच में कुछ नहीं निकलेगा और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

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राजनाथ यादव 2021 में बने थे कुलपति

प्रो. राजनाथ यादव राज्य के दूसरे विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त होकर यहां 2021 में यहां कुलपति बने, लेकिन इनके द्वारा अपने पैतृक विश्वविद्यालय से पूर्ण पेंशन प्राप्त कर और पूर्णिया विश्वविद्यालय से पूर्ण वेतन प्राप्त किया गया. इस संबंध में कहना है कि बिहार में ऐसा कहीं नहीं है, हर जगह पेंशन काट कर वेतन का भुगतान किया जा रहा है.

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