Bihar News: विधानसभा चुनाव और स्पीकर पद के बाद राज्यसभा में NDA को चुनौती देने की फिराक में थे तेजस्वी यादव, चिराग ने बिगाड़ा खेल
Bihar News: पहले विधानसभा के चुनावी समर में एनडीए को तगड़ी प्रतिस्पर्धा देकर पसीना-पसीना कर चुके महागठबंधन ने सदन में भी एनडीए को खासा परेशान किया. अब वह राज्य सभा की बिहार से जुड़ी एक सीट के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को तगड़ी चुनौती देने की रणनीति पर काम कर रहा है.
Bihar News: पहले विधानसभा के चुनावी समर में एनडीए (NDA) को तगड़ी प्रतिस्पर्धा देकर पसीना-पसीना कर चुके महागठबंधन (Maha gathbandhan) ने सदन में भी एनडीए को खासा परेशान किया. अब वह राज्यसभा (Rajya sabha) की बिहार से जुड़ी एक सीट के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार (NDA candidate) को तगड़ी चुनौती देने की रणनीति पर काम कर रहा थे. लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने महागठबंधन नेता तेजस्वी यादव की योजना को विफल कर दिया. राजद ने लोजपा को समर्थन देने की बात कही थी जिसे लोजपा ने खारिज कर दिया. बिहार में राज्यसभा चुनाव से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
हालांकि राजद (RJD) और उसके सहयोगी दलों की रणनीति का जो भी अनौपचारिक रुख सामने आया है, उसके मुताबिक दिवंगत दलित नेता राम विलास पासवान (Ram vilas Paswan) की मृत्यु से खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए किसी दलित नेता को आगे लाया जा सकता है. अलबत्ता अभी तक अनिर्णय की स्थित बरकरार है.
राजद सूत्रों के मुताबिक दलित नेता बतौर दिवंगत नेता राम विलास पासवान की पत्नी रीना पासवान को वह प्राथमिकता पर रखे हुए थे. महागठबंधन के विभिन्न घटक दल कांग्रेस और वाम दल के शीर्ष नेताओं ने भी इस संदर्भ में उनसे प्रयास साधा है़ हालांकि मुस्लिम उम्मीदवार का विकल्प अभी बना रखा है. कल नामांकन का अंतिम दिन है और अभी तक महागठबंधन की ओर से प्रत्याशी का ऐलान नहीं हुआ है.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक रीना पासवान को राज्य सभा की जंग में उतारकर राजद एक तीर से दो निशाने लगाना चाहता था. अव्वल तो वह इस दांव के जरिये लोजपा को अपने कैंप में जोड़ लेता. दूसरी तरफ, दलित वोटर्स को संदेश भी दिया जा सकेगा कि राजद के नेतृत्व में महागठबंधन उसका सच्चा हितैषी है. अगर रीना पासवान बतौर दलित नेता चुनाव लड़ने को तैयार नहीं होती हैं, तो राजद नेतृत्व वाला महागठबंधन किसी अन्य नेता पर भी दांव लगा सकता है. इसके लिए राजद अपनी पार्टी के किसी दलित नेता को सामने ला सकता है.
सूत्रों के मुताबिक राजद ने मुस्लिम प्रत्याशी वाला कार्ड भी महागठबंधन ने विकल्प के रूप में सुरक्षित रख रखा है. बिहार के सियासी गलियारे में जिन दलित नेताओं के नामों की चर्चा है,उनमें श्याम रजक सबसे प्रमुख बताये जा रहे हैं.
इसके अलावा राजद की दलित नेत्री समता देवी या पार्टी का कोई मांझी नेता प्रत्याशी बनाया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक महागठबंधन दलित प्रत्याशी उतारकर यह संदेश देना चाहता है कि महागठबंधन ही दलितों का असली शुभ चिंतक है़ जिसे आगामी चुनावों में भुना सकें
. @RJDforIndia के कई साथी अपना समर्थन इस सीट पर लोजपा प्रत्याशी के लिए करने की बात की है।उनके समर्थन के लिए पार्टी आभार व्यक्त करती है।इस राज्य सभा सीट पर @LJP4India का कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ना चाहता है।
— Lok Janshakti Party (@LJP4India) December 1, 2020
लोजपा ने किया साफ, नहीं उतारेंगे उम्मीदवार
गौरतलब है कि चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोजपा (LJP) ने ये साफ कर दिया है कि इस उपचुनाव में उसकी तरफ से कोई प्रत्याशी चुनाव में नहीं होगा. इसको लेकर पार्टी के ट्विटर हैंडल से आज ही एक ट्वीट किया गया है. इस ट्वीट में लिखा गया है कि राजद के कई साथी अपना समर्थन इस सीट पर लोजपा प्रत्याशी के लिए करने की बात की है. उनके समर्थन के लिए पार्टी आभार व्यक्त करती है. इस राज्य सभा सीट पर लोजपा का कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ना चाहता है.
Posted By: Utpal kant