Bihar News: साहेबगंज-अरेराज-बेतिया एनएच को हरी झंडी का इंतजार, 5800 करोड़ रुपए होंगे खर्च

Bihar News: पटना से बेतिया के बीच तैयार होने वाले एनएच को केंद्र की तरफ से हरी झंडी का इंतजार है. इस सड़क निर्माण में करीब 5800 करोड़ खर्च किये जायेंगे. इससे पटना से बेतिया की दूरी लगभग 100 किमी कम हो जायेगी.

By Aniket Kumar | December 23, 2024 1:49 PM

Bihar News: पटना- बेतिया एनएच-139 डब्ल्यू नयी फोरलेन ग्रीनफील्ड सड़क का निर्माण करीब 167 किमी लंबाई में होना है. इसमें से साहेबगंज-अरेराज बेतिया करीब 64.6 किमी लंबाई में निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से मंजूरी का इंतजार है. भारतमाला परियोजना के तहत इसकी डीपीआर बन चुकी है और जमीन अधिग्रहण लगभग हो चुका है. वहीं, सड़क की निर्माण एजेंसी के चयन के लिए निविदा की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन निविदा पर अंतिम निर्णय से पहले केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार है. 

5800 करोड़ होंगे खर्च

इस ग्रीनफील्ड सड़क के तैयार हो जाने से पटना से बेतिया की दूरी लगभग 100 किमी कम हो जायेगी. केवल तीन घंटे में लोग सफर पूरा कर सकेंगे. अभी लोगों को आने जाने में करीब पांच से छह घंटे का समय लग जाता है. सूत्रों के अनुसार, पटना से बेतिया बनने वाली यह सड़क पटना में एम्स गोलंबर से शुरू होगी. इसमें 167 किमी लंबाई में से 147.33 किमी ग्रीनफील्ड हाइवे (नयी सड़क) होगी. दीघा के जेपी सेतु होते हुए यह सड़क बकरपुर से मानिकपुर, साहेबगंज, केसरिया और अरेराज होते हुए बेतिया के निकट एनएच 727 से जुड़ जायेगी. सड़क के निर्माण पर लगभग 5800 करोड़ खर्च किये जायेंगे. 

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पांच फेज में होगा निर्माण

नये एनएच का निर्माण पांच चरणों में किया जायेगा. पहले चरण में पटना के एम्स से बकरपुर (सोनपुर) तक, दूसरे चरण में बकरपुर (सोनपुर) से मानिकपुर, तीसरे चरण में मानिकपुर से साहेबगंज, चौथे फेज में साहेबगंज से अरेराज और पांचवें फेज में अरेराज से बेतिया तक सड़क का निर्माण कराया जाना है.

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पटना आने-जाने वाले लोगों को होगी सुविधा

पटना से बेतिया के बीच सड़क निर्माण होने से उत्तर बिहार और उत्तर प्रदेश से पटना आने-जाने वालों को सुविधा होगी. दीघा से बकरपुर के बीच छह लेन पुल का निर्माण होने से जेपी सेतु के बाद लोगों को एक और नया विकल्प मिल जाएगा. उत्तर बिहार को जोड़ने का यह एक बेहतर माध्यम साबित होगा. वर्तमान जेपी सेतु के नीचे रेलवे लाइन और ऊपर सड़क है. पुल की चौड़ाई कम होने के चलते गाड़ियों की आवाजाही में दिक्कत होती है.

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