Bihar News: नौ जिलों में एससी-एसटी मामलों की सुनवाई के लिए खुलेंगे स्पेशल कोर्ट, तेजी से निबटेंगे मामले

Bihar News: राज्य में लंबित पड़े अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) मामलों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. इन मामलों का निबटारा तेजी से करने के लिए राज्य के नौ जिलों में एससी-एसटी के स्पेशल कोर्ट खुलेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | October 4, 2021 6:46 AM

पटना. राज्य में लंबित पड़े अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) मामलों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. इन मामलों का निबटारा तेजी से करने के लिए राज्य के नौ जिलों में एससी-एसटी के स्पेशल कोर्ट खुलेंगे. इनमें नालंदा, गोपालगंज, सारण, पूर्वी चंपारण, नवादा, रोहतास, समस्तीपुर, वैशाली और दरभंगा शामिल हैं. हाइकोर्ट के स्तर से इन जिलों में एससी-एसटी के विशेष न्यायालयों को स्थापित करने से संबंधित अनुमति मिल गयी है.

अब राज्य सरकार के स्तर से इन्हें खोलने की पहल शुरू कर दी गयी है. राज्य में पहले से एससी-एसटी विशेष न्यायालयों की संख्या पांच है, जो पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बेगूसराय में मौजूद हैं, परंतु इनके खिलाफ लंबित पड़े मामलों की संख्या तेजी से बढ़ने की वजह से इन विशेष न्यायालयों की संख्या को राज्य सरकार बढ़ाने जा रही है.

जिन जिलों का चयन वर्तमान में नये विशेष कोर्ट खोलने के लिए किया गया है, उन जिलों में लंबित मामलों की संख्या काफी है. इसका मकसद लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन करना है. जिन जिलों में एससी-एसटी मामलों की सुनवाई करने के लिए विशेष न्यायालय नहीं हैं, वहां एडीजे-3 को इन मामलों की सुनवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

सुनवाई नियमित होने से तेजी से निबटेंगे मामले

अभी पूरे राज्य में एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत लंबित मामलों की संख्या साढ़े सात हजार के आसपास है. अक्तूबर 2019 तक इनके लंबित मामलों की संख्या साढ़े पांच हजार थी. इसके बाद कोरोना के कारण लॉकडाउन में कोर्ट की सुनवाई बंद होने से भी लंबित मामलों की संख्या बढ़ गयी. हालांकि, कोर्ट की सुनवाई अब नियमित होने से भी इन मामलों के निबटारे की दर में तेजी आने की संभावना है.

लंबित पड़े मामलों में थाना स्तर पर सिर्फ 25 फीसदी केस में ही अंतिम जांच रिपोर्ट दायर की गयी है. थाना स्तर पर केस निष्पादन की रफ्तार धीमी होने के कारण भी इन मामलों की सुनवाई काफी प्रभावित होती है. थाना स्तर पर ही जांच के स्तर पर पेंडिंग मामलों की संख्या काफी है. इन मामलों का तुरंत निबटारा करने के लिए कुछ दिनों पहले बिहार पुलिस के एडीजी (कमजोर वर्ग) ने सभी थानों को सख्त आदेश जारी किया था, ताकि इन मामलों का निबटारा तेजी से हो सके.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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